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फतेहपुर में 185 साल पुरानी मस्जिद का अतिक्रमण ढहाया, 25,000 लोगों को अरेस्ट किया

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फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में 185 साल पुरानी नूरी मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ा गया। यह कार्रवाई बांदा-बहराइच हाईवे चौड़ीकरण परियोजना के तहत की गई। मस्जिद का एक हिस्सा कथित रूप से अतिक्रमण में आता है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के बीच यह ऑपरेशन मंगलवार सुबह शुरू हुआ, जिसमें भारी पुलिस बल, पीएसी, आरएएफ और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया।
बांदा-बहराइच हाईवे के चौड़ीकरण के लिए नूरी मस्जिद का कुछ हिस्सा बाधा बन रहा था। PWD ने 17 अगस्त को मस्जिद कमेटी को अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया था, जिसके बाद मस्जिद कमेटी ने 1 महीने का समय मांगा, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया। कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया, जिसमें दावा किया गया कि मस्जिद 1839 में बनी थी और कोई अतिक्रमण नहीं हुआ। इस मामले में सुनवाई पहले 6 दिसंबर को होनी थी, लेकिन इसकी सुनवाई 13 दिसंबर को होगी।
ललौली कस्बे में स्थित इस मस्जिद के आसपास के 500 मीटर क्षेत्र को सील कर दिया गया। वहीं, 25,000 लोगों को हाउस अरेस्ट किया गया। इस दौरान, किसी को भी इलाके में आने-जाने की अनुमति नहीं थी। अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई पर ड्रोन कैमरों से कड़ी निगरानी की गई। अतिक्रमण हटाने के लिए 5 बुलडोजर की सहायता ली गई।
कार्रवाई में भारी सुरक्षा बल की तैनाती की गई। अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन ने बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल भी तैनात किए। जिसमें 5 सीओ, 10 थाना प्रभारी, 40 सब इंस्पेक्टर, 200 कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल शामिल रहे। इसके साथ ही पीएसी और आरएएफ की जवानों की भी तैनाती की गई।
अपर पुलिस अधीक्षक विजय शंकर मिश्र ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद रही। प्रशासन सुनिश्चित किया कि कार्रवाई के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो।
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अरविंद केजरीवाल का ऑटो वालों को तोहफ़ा, 10 लाख का इंश्योरेंस, बच्चों की पढ़ाई फ्री
नई दिल्ली. दिल्ली में जल्दी विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. इस चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी जमकर मेहनत करती हुई दिखाई दे रही है. पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अलग ही जोश में नजर आ रहे हैं.
पार्टी के नेता अलग-अलग स्कीम के साथ लोगों के बीच उतरते हुए नजर आ रहे हैं. इस बार अरविंद केजरीवाल ऑटो वालों के लिए एक नई सौगात लेकर आए हैं. उन्होंने ऑटोवालों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है.
ये घोषणाएं की - आम आदमी पार्टी ऑटो वालों के लिए अब इंश्योरेंस की सहुलियत लेकर आई है. ऑटो वालों को 10 लाख रुपये का इंश्योरेंस दिया जाएगा.
- इसके अलावा ऑटो ड्राइवर की बेटी की शादी में 1 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी.
- इसके अलावा साल में 2 बार उन्हें 2500 रुपये वर्दी के लिए दिए जाएंगे. साथ ही उनके बच्चों की कोचिंग का भी खर्चा पार्टी उठाएगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आप पार्टी ने अभी तक 31 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी गई है. उन्होंने कई नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा है. इसके अलावा पार्टी की तरफ से दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीट को बदल दिया गया है. उन्हें जंगपुरा की सीट चुनाव लड़ने के लिए दी गई है. 2025 में होने वाले चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अभी से ही तैयारियां करने में जुटी हुई हैं. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी अकेले ही बिना गठबंधन के चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है. पार्टियों की तरफ से नारेबाजी, पोस्टर्स और आरोपों की बौछार लगा दी गई है. वहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी अपडेट इस वक्त सामने आई है.
मौजूद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के कार्यकाल का ये आखिरी चुनाव होने जा रहा है. इसका मतलब ये कि वो 18 फरवरी के दिन अपने पद से रिटायर होने वाले हैं. इसी संदर्भ में इस बार दिल्ली विधानसभा के चुनाव 18 फरवरी से पहले होने की संभावना है. ऐसा कहा जा रहा है कि चुनाव के लिए 12 या फिर 13 फरवरी का दिन चुना जाएगा.
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जज की टिप्पणी पर बवाल, सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, विहिप के कार्यक्रम में यह कहा था
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव के विवादित भाषण की खबरों पर खुद संज्ञान लिया है. जस्टिस यादव के कथित भाषण पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से जानकारी मांगी है.
गौरतलब है, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की लीगल सेल की ओर से रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में जस्टिस शेखर यादव ने कई टिप्पणियां की थीं, जिन पर अब विवाद गहरा गया है. सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने से पहले न्यायिक जवाबदेही और सुधार अभियान (सीजेएआर) ने भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को पत्र लिखा. इसमें उन्होंने हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के खिलाफ आंतरिक जांच की मांग की.
वकील और गैर सरकारी संगठन न्यायिक जवाबदेही और सुधार अभियान (सीजेएआर) के संयोजक प्रशांत भूषण ने न्यायमूर्ति यादव के खिलाफ जांच की मांग की है. एनजीओ ने उन पर न्यायिक नैतिकता का उल्लंघन करने और निष्पक्षता तथा धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.
भूषण ने पत्र में आरोप लगाया कि न्यायमूर्ति यादव ने एक समुदाय के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया. इससे इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश के पद और न्यायपालिका को बदनामी झेलनी पड़ी. साथ ही कानून के शासन को कमजोर किया, जिसे बनाए रखने का काम उनका है. इतना ही नहीं, उन्होंने टिप्पणी की कि एक समुदाय के बच्चों को दया और अहिंसा के मूल्य सिखाए जाते हैं, और इसके लोगों को सहिष्णु होने के लिए पाला जाता है. उन्होंने आगे पत्र में कहा, हाईकोर्ट के जज ने यह भी कहा कि जहां गाय, गीता और गंगा संस्कृति को परिभाषित करती हैं, जहां हर घर में हरबाला देवी की मूर्ति होती है और हर बच्चा राम होता है. ऐसा मेरा देश है.
न्यायमूर्ति यादव ने कथित तौर पर बहुसंख्यक समुदाय के पक्ष में टिप्पणी की. इसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदुस्तान बहुसंख्यकों की इच्छा के अनुसार काम करेगा और सुझाव दिया कि कानून बहुसंख्यकों के हितों के अनुरूप है. न्यायाधीश ने मुस्लिम समुदाय के भीतर की प्रथाओं की भी आलोचना की, जिसमें बहुविवाह, हलाला और ट्रिपल तलाक का संदर्भ दिया गया और इनकी तुलना हिंदू परंपराओं से की गई. इन टिप्पणियों में कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है, जिसके कारण भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष और समतावादी मूल्यों को कमजोर करने के लिए कड़ी आलोचना की गई है.