राजगढ़। राजस्थान व हरियाणा में पिछले दिनों चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले आधा दर्जन आराेपितों को पकड़ने के लिए राजस्थान, हरियाणा व राजगढ़ जिले की पुलिस ने बोड़ा थाने के गांव गुलखेड़ी में दबिश दी। दबिश के दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। जिसमें अजमेर व राजगढ़ जिले के 8 पुलिसकर्मी घायल हो गए। घटना के बाद पुलिस ने 41 नामजद लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है।
पुलिस के मुताबिक बोड़ा थाने के गुलखेड़ी गांव के आधा दर्जन बदमाशों ने नवंबर के अंतिम सप्ताह व दिसंबर के प्रथम सप्ताह में राजस्थान के जयपुर, अजमेर, भिलवाडा व हरियाणा के भिवानी थाना क्षेत्रों में चोरी की वादातों को अंजाम दिया था। बदमाशों ने लाखों रुपये की चोरी की थी। संबंधित थानों में आरोपितों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए थे।
इसके बाद अजमेर, जयपुर, भिलवाड़ा व भिवानी जिले की पुलिस राजगढ़ जिले में पहुंची थी। जहां से राजगढ़ जिले की पुलिस के साथ मिलकर मंगलवार सुबह बदमाशों को पकड़ने के लिए गुलखेड़ी गांव में दबिश दी।
दबिश की भनक लगने के साथ ही ग्रामीणों ने पुलिस पर जमकर पथराव कर दिया। पथरवार के दौरान टीआइ सहित 8 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिसकर्मियों के घायल होने के साथ ही दबिश देने गई पुलिस को वापस लौटना पड़ा।
पथराव में जो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं उनमें अजमेर सिटी थाने के प्रधान आरक्षक रामनिवास व एएसआइ भीमसिंह, करनवास थाना प्रभारी रमेश जाट, पचोर थाने के सैनिक मदनलाल, करवास थाने की गायत्री, बोड़ा थाने की आरक्षक पूजा, पचोर थाने के अक्षय रघुवंशी, अजमेर, जयपुर, आरक्षक प्रदीप बोड़ा घायल हो गए।
बोडा पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बदमाशों ने अजमेर, जयपुर, भिलवाडा व भिवानी थाना क्षेत्रों में नवंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर दिसंबर के प्रथम सप्ताह में 40 लाख से अधिक की चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया गया था।नयहां के बदमाशों ने संबंधित थाना क्षेत्रों में पहुंचकर चोरियां की थीं।
अलग-अलग थाना क्षेत्रों में चोरियां करने के कारण संबंधित थाना क्षेत्रों में पुलिस ने नकुल, कोईनूर वराजू नामक युवकों सहित आधा दर्जन लोगों पर प्रकरण दर्ज किए थे। उन्हीं की तलाश के लिए पुलिस मंगलवार को गांव पहुंची थी।
कहां कितने की चोरी को दिया था अंजाम-
भिवानी थाना क्षेत्र में नवंबर के अंतिम सप्ताह में 6 लाख की चोरी की
राजस्थान के भिलवाडा थाना क्षेत्र में 25 नवंबर को 10 लाख की चोरी की घटना को अंजाम दिया।
राजस्थान के अजमेर सिटी थाना क्षेत्र में 28 नवंबर को 7 लाख की चोरी की घटना को अंजाम दिया।
राजस्थान के अजमेर सिटी थाना क्षेत्र में 02 दिसंबर को 3.50 लाख की चोरी की घटना को अंजाम दिया।
राजस्थान के जयपुर थाना-2 क्षेत्र में 27 नवंबर व 2 दिसंबर को 14 लाख की चोरी को अंजाम दिया।
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एक साथ 22 पुलिसकर्मी लाइन अटैच, अपराधियों की कर रहे थे मदद, SP ने लिया बड़ा एक्शन
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर ने एसपी संपत उपाध्याय ने क्राइम ब्रांच विभाग में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक साथ 22 पुलिस कर्मियों को लाइन अटैच किया है। बताया जा रहा है कि, इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं।
सूत्रों की माने तो, कई पुलिसकर्मियों पर आरोप था कि वे कार्रवाई होने से पहले ही मुखबिरी कर दिया करते थे। जिससे पुलिस के ऑपरेशन प्रभावित हो रहे थे। इन पुलिसकर्मियों द्वारा आरोपियों को पहले ही कार्रवाई के बारे में बता दिया जाता था। जिससे पुलिस के पहुंचने के पहले ही आरोपी फरार हो जाते थे। या फिर अलर्ट हो जाते थे।
ऐसे में पुलिस के बड़े-बड़े ऑपरेशन फेल हो रहे थे। लिहाजा इस स्थिति को देखते हुए एसपी ने ये कड़ा कदम उठाया। बतादें कि, यह पहली बार नहीं है जब जबलपुर क्राइम ब्रांच में इतनी बड़ी संख्या में तबादले हुए हों। इससे पहले भी कई पुलिसकर्मियों को एक साथ क्राइम ब्रांच से हटाया जा चुका है। पुलिस विभाग इस प्रक्रिया को सामान्य प्रशासनिक कार्रवाई बता रहा है।
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राशन की हेराफेरी करने वाली 99 दुकानों से होगी करोड़ों की वसूली
ग्वालियर। मध्य प्रदेश सरकार की मंशा है कि हर जरूरतमन्द और हितग्राही को उचित मूल्य में राशन मिलता रहे। लेकिन ग्वालियर में कोरोनाकाल के दौरान राशन की हेराफेरी कर कालाबाजारी से जुड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। ग्वालियर में शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकानों पर हर महीने पात्र हितग्राहियों को मामूली कीमत पर गेंहू चावल सहित अन्य राशन मिलता है। कोरोनाकाल के दौरान जिले की राशन दुकानों ने आपदा में अवसर ढूंढ निकाला। लेकिन यह अवसर हितग्राहियो के हित मे नहीं बल्कि काली मोटी कमाई से जुड़ा है। जिसकी जांच के दौरान बड़ी कालाबाजारी उजागर हुई है। जिले की 99 ऐसी दुकाने सामने आई है। जहां करोड़ो के राशन की हेराफेरी की गई। सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा डबरा और भितरवार की दुकानों में किया गया।
ग्वालियर जिले में राशन की कालाबाजारी कर किये गए फर्जीवाड़े की कई बार शिकायत के बाद करोड़ो का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। हालांकि शिकतकर्ताओ और समाजसेवियों का मानना है कि जांच के नाम के सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाये जाते है। जिले में 4 साल पुराने इस मामले में 99 दुकानों का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जिनमे 39 डबरा, 37 भितरवार, मुरार 08, घाटीगांव 08 और शहरी क्षेत्र की 07 दुकानें शामिल है। काफी दुकानें ऐसी है, जिनके ऊपर FIR भी दर्ज कराई गई है। ऐसे में अकेले डबरा की दुकानों से 1.26 करोड़ की वसूली होनी है। कुल मिलाकर 3 करोड़ की वसूली होनी है।
फूड विभाग के जिला आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी विपिन श्रीवास्तव का कहना है कि जांच में उजागर हुई इन 99 राशन दुकानों से लगभग 3 करोड़ से अधिक की वसूली विभाग करेगा। यह वसूली इन दुकानों के कमीशन को काटकर की जाएगी। बहरहाल जिले में कुल 540 राशन दुकानें है , इनमे 277 शहरी और 263 ग्रामीण इलाकों की दुकान है। इन्ही मेसे यह 99 दुकाने कालाबाजारी कर करोड़ो की हेराफेरी में पकड़ी गई हैं। फिलहाल कालाबाजारी उजागर होने के बाद विभाग के लिए इन राशन दुकानों से फर्जीवाडा की रकम वसूली अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।