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दतिया। दोस्त पत्नी पर बुरी नजर रखता था तो वह दोस्त को नौकरी लगाने इंदौर ले गया। कुछ दिन दोनों मंडीदीप में आकर नौकरी करने लगे और मौका पाकर उसने अपने दोस्त को मौत के घाट उतार दिया। 4 साल तक किसी को हत्या की खबर नहीं लगी। पुलिस ने इस अंधेकत्ल की गुत्थी सुलझा ली है।
दरअसल बड़ौनी पुलिस ने 5 साल पूर्व लापता हुए युवक की हत्या का खुलासा कर दिया है। बड़ौनी थाना के घूघसी गांव के गोविंदा रावत अपने दोस्त हनुमंत रावत की पत्नी पर बुरी नजर रखता था। हनुमंत गोविंदा को अपने साथ नौकरी लगवाने के बहाने ले गया। कुछ दिन दोनों ने इंदौर में प्राइवेट नौकरी की फिर दोनों भोपाल के पास रायसेन जिले में एक चावल फैक्ट्री में काम करने लगेl एक दिन मौका पाकर हनुमंत ने गोविंदा की हत्या कर दी और लाश सैप्टिक की टंकी में डाल दी। ऊपर से सीमेंट लगाकर जगह की मरम्मत कर दी। हत्या के बाद आरोपी इंदौर आ गया और मुक्तिधाम के पास एक मकान में रहने लगाl
जब गोविंदा का कहीं पता नहीं चला तो 15 सितंबर को उसकी मां कमला पानी की टंकी पर चढ़कर आत्महत्या की धमकी दी तो पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने उसके बेटे को ढूंढ़ने का आश्वासन दियाl एसडीओपी विनायक शुक्ला ने बताया कि हनुमंत इंदौर में अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था जिसे मुखबीर की मदद से ढूंढ निकाला। पुलिस ने हनुमंत की निशानदेही पर मृतक का कंकाल भी बरामद कर लिया है l आरोपी जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया l

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पुरानी रंजिश में बिल्डर की निर्मम हत्या: बदमाशों ने मारा चाकू, मृतक मंत्री विजयवर्गीय का समर्थक
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में मल्हारगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत देर रात एक बिल्डर की चाकू मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान तेलीबाखल निवासी अंकित राठौर के रूप में हुई है। पुलिस को शक है कि यह हत्या तीन दिन पुराने किसी विवाद से जुड़ी हो सकती है। मल्हारगंज पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, अंकित राठौर रात के समय मल्हारगंज इलाके में अपने काम से लौट रहे थे। तभी अज्ञात हमलावरों ने उन पर चाकू से कई वार किए। स्थानीय लोगों ने चीख-पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक अंकित गंभीर रूप से घायल हो चुके थे। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने मौके से खून के धब्बे, चाकू के निशान और कुछ सुराग बरामद किए हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अंकित का तीन दिन पहले कुछ लोगों से जमकर विवाद हुआ था, जो किसी प्रॉपर्टी डील से जुड़ा माना जा रहा है।
अंकित राठौर को भाजपा के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खास समर्थक के रूप में जाना जाता था। स्थानीय स्तर पर वे पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रिय रहते थे और बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के कारोबार से जुड़े हुए थे। इस हत्या के बाद राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है। मल्हारगंज पुलिस ने हत्या का मामला आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 (साझा आशय) के तहत दर्ज किया है। इलाके में छापेमारी तेज कर दी गई है।
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एक ही गांव के 100 किसानों को पहले दिया फसल का मुआवजा, फिर अधिकारी वापस मांगने लगे पैसे..
मंदसौर। फसल मुआवजा राशि के वितरण में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। यहां लगभग 100 किसानों को फसल मुआवजे के रूप में दी गई राशि को लौटाने को लेकर नोटिस दिए गए है। नोटिस में 3 दिन के भीतर खाते में आई राशि को तहसीलदार कार्यालय में जमा कराने की बात कही गई है। पैसे जमा नहीं करने पर कुर्की करने की बात भी नोटिस में लिखी गई है। इतना ही नहीं, किसानों के खातों को फ्रीज भी कर दिया गया है। जिससे अब किसान कोई लेन – देन भी नहीं कर पा रहे है। मामले में अधिकारी गोलमोल जवाब देकर पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे है।
मंदमामला सुवासरा तहसील में आने वाले टोकड़ी गांव का है। किसानों से कहा गया है कि, रोग, कीट की वजह से खराब हुई फसल नुकसानी की राशि का आपके खाते में त्रुटिपूर्वक भुगतान हो गया है। उसे तुरंत वापिस किया जाए। इन नोटिस को मिलने के बाद ग्राम टोकड़ी के किसान परेशान हैं।
उनका कहना है कि, पहले ही खराब हुई फसल की उचित मुआवजा राशि नहीं दी गई। और अब जो खातों में राशि आई है। उसे भी वापिस मांगा जा रहा है। ऐसे में हम क्या करें? किसान उनके खाते फ्रीज की वजह से भी परेशान है। उनका कहना है कि जो रुपए थे, वो बैंक खातों में थे। ऐसे में अब रुपए कहां से वापिस जमा करवाएं। कुछ किसान बाजार से ब्याज पर पैसा लेकर दे रहे हैं। ताकि फ्रीज हुए बैंक खाते फिर से शुरू हो सके।
प्रशासनिक त्रुटि में एक व्यक्ति ऐसे भी हैं, जिनका कोई खेत या कृषि भूमि नहीं है। वह महज छोटे व्यापारी हैं। लेकिन उनके खाते में भी 8 हजार 800 रुपए की राशि आ गई है। जिसकी वजह से उनका भी खाता फ्रीज कर दिया गया है। बैंक से उन्हें जानकारी मिली कि, वो तहसीलदार कार्यालय जाए। जहां से उन्हें खाते में राशि की जानकारी मिली तो उन्होंने ट्रेज़री में चालान भरकर रुपए लौटाने की बात कही। उनका कहना है कि, भविष्य में मुझे लाभार्थी नहीं बता दिया जाए। इसलिए मैं नगद राशि न देकर ट्रेज़री में चालान भरकर ही रुपए लौटा रहा हूं।
उधर सुवासरा तहसीलदार रामलाल मुनिया मामले में गोलमोल जवाब देते दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना है कि 16 अक्टूबर को ही यह त्रुटि पकड़ में आई थी। जिसकी वजह से लगभग 25 – 30 किसानों को ही नोटिस दिए गए हैं। नोटिस में कुर्की का सिर्फ जिक्र किया गया है। ताकि किसान जल्द राशि जमा करवा दे। जबकि ऐसा नहीं किया जाएगा। साथ ही वो ऐसे किसी व्यक्ति के खाते में राशि जाने से साफ इनकार कर रहे है । जिसकी खेती या कृषि की भूमि नहीं है। फिर भी उनके खाते में मुआवजा राशि आ गई।
हालांकि बाद में वे इस पूरे मामले को तकनीकी त्रुटि करार दे रहे है। साथ ही यह भी कह रहे है कि, जिन किसानों को ज्यादा राशि जानी थी उन्हें कम चली गई और जिन्हें कम जानी थी उन्हें ज्यादा चली गई। इसलिए जिन किसानों को कम राशि गई है। उनसे राशि वापिस लेकर उन्हें जल्द पूरी राशि का भुगतान किया जाएगा। और जिन्हें अधिक राशि चली गई है। उनसे बाकी की राशि वापिस ली जा रही है।

उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में देर रात दर्दनाक सड़क हादसे में तीन युवकों की मौके पर मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है। चारों दोस्त मां बगलामुखी माता के दर्शन कर कार से लौट रहे थे, तभी उनकी कार रॉन्ग साइड से आ रहे कंटेनर से भिड़ गई।
मृतकों की पहचान आदित्य पंड्या (22, एमबीए छात्र, मसवाड़िया निवासी, इंगोरिया के पास), अभय पंडित (20, पासलोद, इंगोरिया) और राजेश रावल (50, पंडितायी करते थे, वर्तमान में गरीराज, उज्जैन निवासी) के रूप में हुई है। तीनों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
गंभीर रूप से घायल शैलेंद्र आचार्य (20, गायत्री नगर, उज्जैन) को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक तीनों ने दम तोड़ दिया था। फिलहाल कंटेनर चालक फरार है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।
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सरकार का बड़ा फैसला पेपर स्टाम्प खत्म, डिजिटल प्रणाली से होगा सबकुछ
भोपाल। मध्य प्रदेश में अब स्टाम्प पेपर की छपाई पूरी तरह से समाप्त होने जा रही है। पंजीकरण एवं मुद्रांक विभाग ने इस संबंध में एक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है, जिसमें स्टाम्प पेपर की छपाई को समाप्त करने का सुझाव दिया गया है। यह कदम राज्य में डिजिटल व्यवस्था को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
मध्य प्रदेश में स्टाम्प पेपर की खरीद और उपयोग अब पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी हो गया है। जुलाई 2013 से शुरू हुए इलेक्ट्रॉनिक स्टाम्पिंग सिस्टम ने दस्तावेजों की प्रक्रिया को आसान और ट्रैक करने योग्य बना दिया है। इस सिस्टम के तहत अब स्टाम्प पेपर ऑनलाइन खरीदा जा सकता है और हर ट्रांजेक्शन का डिजिटल रिकॉर्ड बनता है, जिससे दुरुपयोग की संभावनाएं कम होती हैं।
ई-स्टाम्प खरीदने के लिए सबसे पहले मध्य प्रदेश के ई-स्टाम्पिंग पोर्टल या किसी अधिकृत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जाएं।
फॉर्म में दस्तावेज की श्रेणी जैसे बिक्री विलेख, किराया समझौता आदि का चयन करें और लेनदेन की जरूरी जानकारी भरें।
इसके बाद नेट बैंकिंग, यूपीआई या डेबिट-क्रेडिट कार्ड के जरिए ऑनलाइन भुगतान करें।
पेमेंट पूरा होते ही आपको तुरंत डिजिटल स्टाम्प सर्टिफिकेट मिल जाएगा, जिसे भविष्य में इस्तेमाल किया जा सकता है।
जो लोग ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं करना चाहते, वे अपने शहर के किसी अधिकृत ई-स्टाम्प वेंडर से भी स्टाम्प खरीद सकते हैं। वेंडर आपको स्टाम्प शुल्क और जरूरी प्रक्रिया की जानकारी देगा। जरूरी जानकारी देने और भुगतान करने के बाद वेंडर आपको डिजिटल स्टाम्प प्रमाणपत्र उपलब्ध कराएगा।
ईएसएस के जरिए हर स्टाम्प की ट्रैकिंग संभव हो जाती है। कागज पर आधारित स्टाम्प पेपर की तुलना में डिजिटल स्टाम्प ज्यादा सुरक्षित होते हैं, जिससे फर्जीवाड़ा रोकने में मदद मिलती है। इसके अलावा, डिजिटल प्रमाण पत्र का रिकॉर्ड भी सिस्टम में बना रहता है, जिससे किसी भी समय उसका सत्यापन किया जा सकता है।
ई-स्टाम्पिंग प्रणाली मध्य प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण डिजिटल पहल है, जिससे न केवल प्रक्रिया आसान हुई है, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ी है। इससे आम लोगों को समय और मेहनत दोनों की बचत होती है, साथ ही सरकारी राजस्व में भी इजाफा होता है। अब स्टाम्प का दुरुपयोग करना आसान नहीं, और ट्रैकिंग पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गई है।
इस नई प्रणाली के माध्यम से, मध्य प्रदेश सरकार ने न केवल दस्तावेजों की प्रक्रिया को सरल बनाया है, बल्कि पारदर्शिता को भी बढ़ावा दिया है। डिजिटल स्टाम्प के माध्यम से, नागरिकों को एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका उपलब्ध होगा, जिससे उन्हें अपने लेनदेन में आसानी होगी।
मध्य प्रदेश अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है, जिसमें तकनीकी प्रगति और पारदर्शिता को महत्व दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में, उम्मीद की जा रही है कि यह प्रणाली अन्य क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी।
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11 केवी हाईटेंशन लाइन की चपेट में आया लोडिंग वाहन, ड्राइवर की मौत, 7 मजदूर झुलसे
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के पाटन थाना क्षेत्र के ग्वारी गांव में एक दर्दनाक हादसा हो गया। मंडला जिले से मक्का तोड़ने के काम पर आए मजदूरों को लेकर जा रहे लोडिंग वाहन की चपेट में 11 केवी हाईटेंशन बिजली लाइन आ गई। इस घटना में वाहन के ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन महिलाओं समेत सात मजदूर बुरी तरह झुलस गए। गंभीर रूप से घायल मजदूरों को बेहतर इलाज के लिए जबलपुर के विक्टोरिया अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
मृतक ड्राइवर का नाम रोशन लडिया (उम्र 45 वर्ष) बताया जा रहा है। वे मंडला जिले के निवासी थे और मजदूरों को ग्वारी गांव में मक्का तोड़ने के लिए ला रहे थे। पुलिस के अनुसार, वाहन चालक को ऊपर गुजर रही हाईटेंशन लाइन की जानकारी नहीं थी, जिसके कारण लोडिंग के दौरान वाहन ऊंचा उठा और तारों के संपर्क में आ गया। इससे करंट लगने के कारण वाहन में आग लग गई और चालक की झुलसकर मौत हो गई।
घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है। पाटन थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और बिजली विभाग की लापरवाही की भी पड़ताल होगी। ग्रामीणों ने हाईटेंशन लाइनों के पास चेतावनी संकेतकों की कमी पर नाराजगी जताई है।

साबरकांठा. गुजरात के साबरकांठा जिले के माजरा गांव में शुक्रवार की देर रात दो समूहों के बीच झड़प में कम से कम 10 लोग घायल हो गए. दो समूहों के बीच विवाद के कारण हुई झड़प में 10 चार पहिया और 20 दो पहिया वाहनों सहित 30 से अधिक वाहनों में तोडफ़ोड़ और आगजनी हुई.
झड़प की सूचना मिलते ही पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची. पुलिस को उपद्रव शांत कराने के लिए मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उपद्रवियों को काबू में किया. जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू की. मिली सूचना के अनुसार पुलिस ने इस मामले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया है.
पूरी घटना के बाद साबरकांठा के पुलिस उपाधीक्षक अतुल पटेल ने कहा कि यह घटना रात करीब 10:30 बजे हुई, जब दो समूहों ने पथराव किया और वाहनों में आग लगा दी. उन्होंने बताया कि 20 से ज़्यादा दोपहिया वाहन, 10 से ज़्यादा चार पहिया वाहन और कई घरों की खिड़कियां तोड़ दी गईं. अतुल पटेल ने कहा, माजरा गांव में कल रात करीब साढ़े दस बजे दो समूहों के बीच पथराव और आगजनी की घटना हुई. इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और करीब 110 से 120 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
साबरकांठा के पुलिस उपाधीक्षक ने कहा कि अब तक लगभग 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. डीएसपी ने हिंसा का कारण दो समूहों के बीच लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी बताया है. उन्होंने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
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धनतेरस पर सोने की कीमतों ने मारी पलटी, आ गई जबरदस्त गिरावट, चांदी भी लुढ़की
नई दिल्ली. धनतेरस पर सोना खरीदने वालों के लिए गुड न्यूज है. सोने में पिछले हफ्तों में आई बंपर तेजी के बाद अब कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है. वैश्विक बाजार में शुक्रवार को सोने और चांदी दोनों कीमती धातुओं के भाव भारी गिरावट के साथ बंद हुए हैं. एमसीएक्स पर भी सोना शुक्रवार को कारोबारी सत्र के दौरान गिर गया था. भूराजनीतिक और आर्थिक चिंताओं में अस्थायी रूप से कमी आने के चलते सोने में मुनाफावसूली देखने को मिली है.
एमसीएक्स पर सोने का भाव शुक्रवार को कारोबारी सत्र के दौरान करीब 3 फीसदी गिरकर 1,25,957 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया था. जबकि यह पहले 1,32,294 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंचा था. चांदी में भी तेज गिरावट देखने को मिली. यह शुक्रवार को कारोबारी सत्र के दौरान 8 फीसदी से अधिक गिरकर 1,53,929 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई थी. जबकि यह पहले 1,70,415 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई थी.
केडिया कमोडिटी के फाउंडर अजय केडिया के अनुसार, अमेरिका-चीन टैरिफ विवाद में ट्रंप अधिक सुलहवादी रुख अपना रहे हैं. इससे तनाव कम करने में मदद मिल रही है. साथ ही अमरिका और रूस के बीच सार्थक चर्चाएं चल रही हैं. इससे सोना सेफ हैवन एसेट के रूप में कमजोर हुआ है.
हाजिर बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन के अनुसार शनिवार को 24 कैरेट सोने की कीमत 1294 रुपये की गिरावट के साथ 1,29,580 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई है. वैश्विक स्तर पर सोने की कीमत में बड़ी गिरावट देखने को मिली. शुक्रवार को कॉमेक्स पर सोने का भाव 2.12 फीसदी या 91.30 डॉलर की जबरदस्त गिरावट के साथ 4,213.30 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ.
सोने के साथ ही चांदी की कीमतों में भी वैश्विक स्तर पर बड़ी गिरावट देखने को मिली है. कॉमेक्स पर चांदी का वैश्विक भाव 5.99 फीसदी या 3.19 डॉलर की गिरावट के साथ 50.10 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ.
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दिल्ली के ब्रह्मपुत्र अपार्टमेंट्स में भीषण आग, आसपास है सांसदों का निवास, मचा हड़कंप
दिल्ली के डॉ. बिशंबर दास मार्ग पर स्थित ब्रह्मपुत्र अपार्टमेंट्स में शनिवार को बड़ा आग का हादसा हुआ। यह बिल्डिंग संसद भवन से सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर है और यहां लोकसभा व राज्यसभा के कई सांसद रहते हैं। आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और राहत व बचाव कार्य शुरू किया। फिलहाल, किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
यह क्षेत्र बेहद संवेदनशील और सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसके कारण आग लगने से स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों में चिंता फैल गई। अभी तक आग लगने की वजह साफ नहीं हो पाई है। दमकल कर्मी मौके पर लगातार आग बुझाने में जुटे हुए हैं।
घटनास्थल से मिले वीडियो और तस्वीरों में देखा गया कि पुलिस लोगों को बाहर निकालने की अपील कर रही थी और कई लोग ग्राउंड फ्लोर पर एकत्रित हो गए थे। दमकल विभाग को दोपहर करीब 1:20 बजे आग की सूचना मिली थी, जिसके बाद तुरंत गाड़ियां रवाना की गईं।
कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि फायर ब्रिगेड की टीम देर से पहुंची, जिसकी वजह से नुकसान ज्यादा हुआ। उनका कहना है कि अगर दमकल कर्मी समय पर पहुंचते, तो स्थिति पर जल्दी काबू पाया जा सकता था।
एक निवासी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बताया कि जब आग लगी, तो घर में बेटी की शादी के गहने और कीमती सामान रखा हुआ था। उन्होंने कहा कि आग से बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। बताया गया कि उनकी एक बेटी आग से झुलस गई, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिवार का कहना है कि आग संभवतः पटाखे चलाने की वजह से लगी।
दमकल विभाग और पुलिस ने मौके पर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि आग पर अब काफी हद तक काबू पा लिया गया है, लेकिन सटीक कारण का पता जांच के बाद ही चल पाएगा।

मुरैना। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई की है। भ्रूण लिंग परीक्षण करते हुए एक शख्स को रंगे हाथों दबोचा है। बताया जा रहा है कि आरोपी घर-घर जाकर भ्रूण लिंग परीक्षण करता था। फिलहाल पुलिस ने गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। यह पूरा मामला मुरैना जिले का है।
ग्वालियर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मुरैना में बड़ी कार्रवाई की है। सिविल लाइन थाना क्षेत्र के प्रेम नगर से एक ऐसे शख्स को पकड़ा है, जो भ्रूण लिंग परीक्षण कर रहा था। आरोपी का नाम संजीव शर्मा बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
बताया जा रहा है कि संजीव शर्मा महिलाओं के घर घर जाकर भ्रूण लिंग परीक्षण करता था। पोर्टेबल मशीन से अल्ट्रासाउंड करता था। इसकी शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे धर दबोचा। फिलहाल आरोपी संजीव को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जांच पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि भारत में भ्रूण के लिंग की जांच करना या करवाना, ये दोनों ही PC PNDT अधिनियम, 1994 के तहत एक गंभीर अपराध है। इसके लिए सजा का प्रावधान है। पहली बार पकड़े जाने पर 3 साल तक की जेल और 10 हजार तक का जुर्माना, दोबारा अपराध करने पर 5 साल तक की जेल और 50 हजार तक का जुर्माना लग सकता है।

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MP में फिर पेशाब कांड, दलित और उसकी मां को बेरहमी से पीटा
कटनी स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम मटवारा में खनन का विरोध करने पर दलित युवक की बेरहमी से पिटाई की गई। सरपंच के बेटे ने पीड़ित के मुंह पर पेशाब कर अपमानित किया। पुलिस ने सरपंच सहित चार आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। पीड़ित ने एसपी को दिए आवेदन में बताया कि घटना 13 अक्टूबर को ग्राम पंचायत मटवारा में हुई।
वह अपने खेत के पास रमगढ़ा पहाड़ी पर हो रहे शासकीय भूमि के अवैध उत्खनन का विरोध कर रहे थे। इस दौरान राम बिहारी हल्दकार ने जातिसूचक शब्द कहे। जान से मारने की धमकी दी।
लौटते समय सरपंच रामानुज पांडेय, उनके बेटे पवन पांडेय, भतीजे सतीश और अन्य ने उसे रोककर लात-घूंसों और लोहे की रॉड से पीटा। पीड़ित ने बताया कि पवन ने उसके मुंह पर पेशाब कर अपमान किया।
बीच-बचाव के लिए आई उसकी मां को भी बाल पकड़कर घसीटा गया। मारपीट की गई। जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए आरोपियों ने धमकी दी कि यदि थाने में रिपोर्ट की मार देंगे। घायल युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। तीन दिन इलाज हुआ। सोशल मीडिया पर घटना वायरल होने के बाद भीम आर्मी ने गुरुवार को स्लीमनाबाद थाने में एफआइआर की मांग की।
पुलिस ने मटवारा सरपंच रामानुज पांडेय, उसके बेटे पवन पांडेय, भतीजे सतीश और रामबिहारी हल्दकार के खिलाफ केस दर्ज किया। एएसपी संतोष डेहरिया के अनुसार गिरफ्तारी जल्द की जाएगी
बता दें कि एमपी में 6 दिन में शर्मसार करने वाली ये तीसरी घटना है। 11 अक्टूबर को दमोह में जहां पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति को मंदिर में बुलाकर पैर धुलवाने और उसी पानी को पीने को मजबूर करने की शर्मसार घटना सामने आई,
वहीं शर्मसार करने वाले इस कांड में कांग्रेस विधायक ने पीड़ित के चाचा के कान में अगली बार मैला खा लेेना कहकर एक बार फिर शर्मिंदा कर दिया। अब एक बार फिर पेशाब कांड की इस घटना पूरी मानवता को फिर से शर्मसार कर दिया है।
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दिवाली में छुट्टियों पर लगी रोक: MP में इन पर कर्मचारियों पर लगा एस्मा
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने दिवाली त्योहार के मौके पर बिना रुकावट बिजली आपूर्ति के लिए बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश की छह बिजली कंपनियों के अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टी पर रोक लगाई है। इन बिजली कर्मचारियों पर एस्मा लगाया गया है। यानी ये सभी कर्मचारी तीन माह तक काम के लिए इनकार नहीं कर सकेंगे।
एमपी में दीपावली के चलते बिजली कर्मचारियों पर आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम लागू किया गया है। प्रदेश की 6 बिजली कंपनियों के अधिकारी-कर्मचारियो की छुट्टी पर रोक लगाई गई है। सरकार के इस फैसले के बाद गृह विभाग ने एस्मा को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
इस आदेश के बाद बिजली कंपनियों के कर्मचारी तीन माह तक काम के लिए इनकार नहीं कर सकेंगे। कर्मचारियों को अवकाश विशेष परिस्थितियों में ही मिल सकेगा। आपको बता दें कि नियमित कर्मचारियों के साथ संविदा कर्मचारियों को भी इसका पालन करना होगा।

भोपाल। प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार रात एक 24 वर्षीय युवती पर एसिड अटैक का प्रयास किया गया। घटना पिपलानी थाना क्षेत्र की है, जहां दो अज्ञात युवक काले रंग की स्कूटी पर सवार होकर आए और युवती पर एसिड फेंक कर फरार हो गए। एसिड की कुछ बूंदें युवती के चेहरे पर पड़ीं, जिससे वह झुलस गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वहीं, पुलिस ने शिकायत के बाद जांच शुरू कर दी है।
घटना उस समय हुई जब युवती सब्जी लेने के लिए घर से निकली थी। हमलावरों ने गणेश मंदिर के पास उस पर एसिड फेंका और मौके से फरार हो गए। हमले के दौरान युवती ने मोटे कपड़े पहन रखे थे, जिसके कारण एसिड का शरीर पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा, हालांकि कपड़े जल गए।
एएसआई राजीव मिश्रा के अनुसार, पीड़िता ने कुछ समय पहले मिसरोद थाने में अपने लिव-इन पार्टनर आकाश गांगल के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया था। आरोपी को इस मामले में कोर्ट से जमानत मिल चुकी है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है। पुलिस इस पहलू को भी जांच में शामिल कर रही है कि क्या एसिड अटैक की कोशिश इसी केस से जुड़ी रंजिश का नतीजा थी।
घटना की जानकारी मिलते ही पिपलानी पुलिस मौके पर पहुंची और एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि हमलावरों ने युवती को जानबूझकर निशाना बनाया।
पुलिस ने आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम गठित की है। देर रात पुलिस ने संदिग्धों के घरों पर दबिश भी दी, लेकिन वे फरार थे। पिपलानी थाना प्रभारी ने बताया कि वे इस मामले में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
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जेल में मनेगी एसडीओपी सहित 11 पुलिसकर्मियों की दीवाली, 30 अक्‍टूबर तक न्‍यायिक हिरासत में
सिवनी। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हवाला रुपयों की डकैती प्रकरण में गिरफ्तार एसडीओपी पूजा पांडे समेत 11 पुलिस कर्मियों की दो दिन की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद गुरूवार को पुन: जिला न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने सभी 11 पुलिस कर्मियों को 30 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। 17 अक्टूबर को एसडीओपी पूजा पांडे पुन: अपनी बच्ची को गोद में लेकर न्यायालय में पेश हुई। एसआइटी अब तक हवाला मामले में 2.70 करोड़ रुपये बरामद कर चुकी है। इसमें 1.45 करोड़ रुपये एसडीओपी पूजा पांडे व एसआई अर्पित भैरम तथा 1.25 करोड़ रुपये नागपुर के आकाश जैन व अमन गुरनानी से जब्त किए गए थे। दो दिन की पुलिस रिमांड में आरोपित पुलिस कर्मियों के बयान दर्ज करने के साथ इलेक्ट्रानिक साक्ष्य तैयार करने इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। जबलपुर क्राइम ब्रांच के एएसपी व एसआइटी प्रभारी जितेन्द्र सिंह ने नईदुनिया को बताया कि 17 अक्टूबर को न्यायालय में पेश किए गए सभी 11 पुलिस कर्मियों को 30 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
बयान में सामने आए तथ्यों को खंगाकर एसआईटी प्रकरण की जांच को आगे बढ़ा रही है। प्रकरण में जांच की आंच अन्य लोगों तक भी पहुंच सकती है। हालाकि विस्तृत जांच के संबंध में कुछ भी बोलने से अधिकारी बच रहे हैं। जानकारी के अनुसार हाईवे में लगे सीसीटीवी फुटेज के साथ ही आरोपित पुलिस कर्मियों के मोबाइल काल डिटेल को खंगाला जा रहा है। 8-9 अक्टूबर की रात हवाला कारोबारियों को पकड़ने के घटनाक्रम में उपयोग तीन वाहन पहले ही जब्त किए जा चुके हैं। गंभीरता के हवाला प्रकरण तथा पुलिस कर्मियों पर डकैती, अपहरण व अन्य धाराओं में दर्ज प्रकरण में जांच रही है।
14 अक्टूबर को दर्ज एफआईआर में गिरफ्तार निलंबित एसडीओपी पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैरम, एसडीओपी कार्यालय का चालक आरक्षक रितेश वर्मा, रीडर प्रधान आरक्षक रविंद्र उइके, प्रधान आरक्षक माखन इनवाती, आरक्षक योगेंद्र चौरसिया, जगदीश यादव, गनमैन केदार बघेल, सुभाष सदाफल, लखनादौन एसडीओपी कार्यालय के रीडर राजेश जंघेला व बंडोल थाना के आरक्षक नीरज राजपूत को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
सभी पुलिस कर्मियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 310(2) डकैती, 126(2) गलत तरीके से रोकना, 140(3) अपहरण व 61(2) आपराधिक षडयंत्र का प्रकरण दर्ज है, जिसकी जांच एसआईटी कर रही है। जबलपुर आइजी के निर्देशन में गठित एसआईटी में क्राइम ब्रांच एएसपी जितेन्द्र सिंह के अलावा तीन कर्मचारियों तथा लखनवाड़ा थाना प्रभारी चन्द्रकिशोर सिरामे को शामिल किया गया है। डकैती की धारा में आजीवन या दस साल कारावास का प्रावधान है। अपहरण में 7 साल सजा व गलत तरीके से रोकना व आपराधिक षडयंत्र की धारा में भी कारावास का प्रावधान है।
हवाला कांड के बावजूद पुलिस विभाग में कार्यरत प्रधान आरक्षक के एफआईआर दर्ज करने के बदले 5 लाख रुपये मांगने के मामले में 75 हजार रुपये लेते हुए लोकायुक्त द्वारा पकड़े जाने से कर्मचारियों के भ्रष्ट आचरण की कलई खुल गई है। वहीं अवैध शराब के झूठ मामले में फंसाने संबंधी एएसआई का कथित आडियो सामने आने से विभाग सहम गया है। किसकी सह पर प्रधान आरक्षक जैसा अदना सा कर्मचारी 5 लाख रुपये की रिश्वत एफआईआर दर्ज करने के बदले मांग रहा था, यह भी विभागीय अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। देश भक्ति और जन सेवा का नारा बुलंद करने वाले पुलिस विभाग के कर्मचारियों के संदिग्ध आचरण ने विभाग की छवि को गहरा धक्का लगा है। सिवनी के हवाला कांड ने पुलिस विभाग के पूरे जबलपुर संभाग को हिलाकर रख दिया है।
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कलेक्टर का सख्त आदेश: दिवाली पर सिर्फ दो घंटे जाला सकेंगे ग्रीन पटाखे
ग्वालियर। इस बार दिवाली का जश्न थोड़ा फीका रह सकता है। जिला प्रशासन ने वायु प्रदूषण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पटाखों को लेकर सख्त गाइडलाइन जारी की है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।
ग्वालियर में इस बार सिर्फ ग्रीन पटाखों की अनुमति दी गई है। इनमें फुलझड़ी, अनार और मेरून जैसे कम प्रदूषण वाले पटाखे शामिल हैं। बेरियम सॉल्ट या अन्य जहरीले रसायनों वाले पटाखे पूरी तरह बैन कर दिए गए हैं। साथ ही लड़ी वाले पटाखों का निर्माण, बिक्री और उपयोग भी पूरी तरह प्रतिबंधित है।
दिवाली की रात सिर्फ दो घंटे, यानी रात 8 से 10 बजे तक ही ग्रीन पटाखे चलाए जा सकेंगे। तय समय के बाहर पटाखा चलाने वालों पर कार्रवाई होगी। यह आदेश पूरे जिले में लागू रहेगा।
शहर के 100 से ज्यादा संवेदनशील क्षेत्रों में पटाखे चलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इनमें अस्पताल, नर्सिंग होम, स्कूल, धार्मिक स्थल और हेल्थ केयर सेंटर्स के आसपास के 100 मीटर के दायरे शामिल हैं। इन इलाकों में नियम तोड़ने पर सीधे कार्रवाई होगी।
Amazon, Flipkart जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पटाखों की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। लोग केवल प्रशासन द्वारा मान्यता प्राप्त दुकानों से ही पटाखे खरीद सकेंगे।
पटाखों की आवाज 4 मीटर की दूरी से अधिकतम 125 डेसिबल (A) से अधिक नहीं होनी चाहिए। अधिक शोर करने वाले पटाखों की बिक्री और उपयोग प्रतिबंधित है।
सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देशों के तहत दीपावली से सात दिन पहले और सात दिन बाद तक वायु गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी। इस दौरान वातावरण में एलुमिनियम, बेरियम और आयरन जैसे हानिकारक तत्वों का विश्लेषण किया जाएगा।
कलेक्टर ने नागरिकों से अपील की है कि पटाखों के कागज और अधजली सामग्री को खुले में न फेंकें। इससे जानवरों और बच्चों को नुकसान हो सकता है। लोग इस कचरे को अलग इकट्ठा कर नगर निगम को सौंपें ताकि उसका सही तरीके से निपटान हो सके।
जिला प्रशासन ने पुलिस, नगर निगम, एसडीएम और पंचायत अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे सुप्रीम कोर्ट और NGT के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करवाएं और गश्त बढ़ाएं।
इस दिवाली ग्रीन पटाखों के साथ मनाएं सुरक्षित और प्रदूषण रहित त्योहार, प्रशासन की अपील है कि सभी नागरिक नियमों का पालन करें और दूसरों की खुशी और सेहत का भी ध्यान रखें।

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