खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की अदालत ने एक सनसनीखेज मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए जादू-टोने के शक में कुल्हाड़ी से पड़ोसी की हत्या करने वाले आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने इस मामले को “रेयरेस्ट ऑफ द रेयर” मानते हुए कहा कि अपराध इतना नृशंस था कि किसी भी तरह की नरमी उचित नहीं होगी।
यह फैसला द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनिल चौधरी की अदालत ने शनिवार को सुनाया। आरोपी चंपालाल उर्फ नंदू (23 वर्ष) को भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) के तहत दोषी पाया गया और उसे मृत्युदंड (फांसी) की सजा दी गई। साथ ही उस पर जुर्माना भी लगाया गया।
यह मामला पंधाना थाना क्षेत्र के ग्राम छनेरा का है, जहां 12 दिसंबर 2024 की रात आरोपी चंपालाल ने अपने पड़ोसी रामनाथ बिलोटिया की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या कर दी थी। आरोपी को शक था कि रामनाथ जादू-टोना करता है। हत्या के बाद आरोपी घटनास्थल पर ही बैठा रहा और बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
अभियोजन पक्ष ने मामले को गंभीर बताते हुए सात महीनों के भीतर इसका निपटारा कराया। न्यायालय ने इसे 'अत्यंत जघन्य अपराध' बताया और अभियोजन की दलीलों से सहमत होते हुए कहा कि ऐसी घटना समाज के लिए चेतावनी है।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन द्वारा पेश किए गए वैज्ञानिक और प्रत्यक्ष सबूत अपराध को पूरी तरह सिद्ध करते हैं। डीएनए रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई कि आरोपी के कपड़ों और हत्या में इस्तेमाल कुल्हाड़ी पर मृतक का खून लगा था। इसके साथ ही मृतक की पत्नी शांतिबाई बिलोटिया के बयान को अदालत ने सबसे अहम गवाही माना। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने पति की हत्या अपनी आंखों के सामने होते देखी। शांतिबाई ने कहा, “रात करीब 2:30 बजे मेरे पति घर से बाहर निकले, तभी पड़ोसी नंदू ने उन पर कुल्हाड़ी से वार किया और बोल रहा था कि तू जादू-टोना करता है।”
सुनवाई के दौरान अभियोजन ने अदालत से फांसी की सजा की मांग की। आरोपी के वकील ने दलील दी कि यह उसका पहला अपराध है और उम्र भी कम है, इसलिए उसे जीवनदान दिया जाए। लेकिन अदालत ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत फोटोग्राफ, डीएनए रिपोर्ट और घटनास्थल के सबूतों को देखते हुए कहा कि आरोपी ने बिना किसी विवाद या रंजिश के यह हत्या की।
जज ने अपने आदेश में कहा- यह अपराध सामान्य नहीं बल्कि अत्यंत जघन्य है। आरोपी को अपने किए का कोई पछतावा नहीं दिखा। इसलिए इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ श्रेणी में रखा गया और आरोपी को तब तक फांसी पर लटकाने का आदेश दिया गया जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए।
त्वरित कार्रवाई से 7 माह में न्याय
खंडवा पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वैज्ञानिक साक्ष्यों को समय पर अदालत तक पहुंचाया।
डीएनए परीक्षण, घटनास्थल की जांच और गवाहों की समय पर पेशी के कारण मुकदमा तेजी से आगे बढ़ा।
एसआई रामप्रकाश यादव ने साक्ष्य एकत्र करने और गवाहों को अदालत में पेश करने में अहम भूमिका निभाई।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विनोद कुमार पटेल ने मामले की पैरवी की और अदालत को विश्वास दिलाया कि आरोपी अपराध का दोषी है।
मृतक के परिवार को मिला न्याय
पुलिस अधीक्षक मनोज राय ने कहा कि यह मामला नृशंस हत्या का था और इसमें न्याय दिलाने के लिए पुलिस और अभियोजन ने पूरी तत्परता से काम किया। उन्होंने कहा, डीएनए रिपोर्ट और गवाहों के बयानों ने सच्चाई सामने रखी। सिर्फ 7 महीने में आरोपी को फांसी की सजा दिलाना पुलिस और अभियोजन की संयुक्त सफलता है।
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साइबर फ़्रॉड आरोपी महिला को इटारसी RPF टीम ने पकड़ा, 51 लाख का लगाया लोगों को चूना
भोपाल मंडल रेल में त्योहारी सीजन में यात्रियों की सुरक्षा मद्देनजर चौबीस घंटे लगातार RPF चेकिंग कर रही है, इसी कड़ी में शनिवार को प्राप्त सूचना के आधार पर रेल सुरक्षा बल पोस्ट इटारसी से स्टॉफ द्वारा आईटी एक्ट के तहत दर्ज अपराध मामले की संदिग्ध महिला को प्राप्त फोटो के आधार पर गाड़ी संख्या 07075 हैदराबाद-गोरखपुर स्पेशल के ए-2 कोच बर्थ संख्या 40 से उतारा गया। महिला के रिकार्ड को चेक करने पर बड़ा खुलासा हुआ।
पूछताछ में आरोपी महिला ने स्वयं को काला चौकी मुंबई निवासी बताया बाद इस महिला को सुरक्षित रेसुब पोस्ट इटारसी में रखा गया तथा एलुरु पुलिस थाना को सूचित किया गया। 12 अक्टूबर को एलुरु पुलिस थाना आंध्रप्रदेश से उप निरीक्षक बी.एम.व्ही.राजा मय टीम के RPF पोस्ट इटारसी में पहुंचे यहाँ इन्होंने आईटी एक्ट के तहत पुलिस स्टेशन में दर्ज 51 लाख रूपये के साइबर फ़्रॉड मामले की एफआईआर पेश की, बाद में महिला को आरपीएफ व जीआरपी की मौजूदगी में समक्ष गवाहन सुरक्षित हालत में सुपुर्द किया गया।
सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया ने बताया कि भोपाल रेल मंडल यात्रियों की सुरक्षा की दिशा में तत्परता से कार्यरत है। रेल प्रसाशन ट्रेनों एवं रेल परिसर में अपराधों की रोकथाम हेतु सक्रिय भूमिका निभा रही है।
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15 से 20 डिलीवरी बॉय ने कस्टमर को जमकर पीटा, महिलाओं के कपड़े फाड़े
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पॉश इलाके में ब्लिंकिट कर्मचारियों ने जमकर उत्पात मचाया। 15 से 20 डिलीवरी बॉय ने कस्टमर की लाठी डंडों से जमकर पिटाई की। महिलाओं को भी पीटने और उनके कपड़े फाड़ने का आरोप है। मारपीट की घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है।
यह पूरा मामला कोलार थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, दानिश हिल्स कॉलोनी में ब्लिंकिट डिलीवरी कर्मचारियों ने खूब उपद्रव मचाया। बताया जा रहा है कि एक कस्टमर के साथ अभद्रता की और फिर 20 से 25 डिलीवरी बॉय जमा हो गए। देखते ही देखते मारपीट शुरू कर दी। लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया। यह पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
वीडियो में देखा जा सकता है कि Blinkit डिलीवरी बॉय कर्मचारी एक साथ मिलकर कुछ युवकों को लाठी डंडों से मारते हुए नजर आ रहे है। मारपीट से युवकों को चोट भी आई है। महिलाओं से भी मारपीट और उनके कपड़े फाड़ने का आरोप है। वहीं इस घटना से इलाके समेत पूरे शहर में दहशत का महौल है। इधर, दानिश हिल्स के रहवासियों ने कोलार थाने पहुंचकर मामले की शिकायत की है। हालांकि मारपीट क्यों की गई है, इसका कारण अभी तक अज्ञात है।
इंदौर एरोड्रम थाना क्षेत्र की रहने वाली एक विधवा महिला ने मंदिर के पुजारी के खिलाफ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराया है। पीड़िता ने बताया आरोपी पंडित के रसूखदारों से करीबी संबंध होने के कारण पुलिस ने तीन महीने टालमटोली की। कई मर्तबा एरोड्रम थाने, एसीपी ऑफिस के चक्कर लगाए इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्यवाई नहीं की। आख़िरकार पीड़िता ने पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह और डीसीपी जोन-1 कृष्णलाल चंदानी को शिकायत की, इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया। आरोप है कि पंडित ने महिला को शादी का झांसा देकर 15 साल तक शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी से इंकार कर दिया।
एरोड्रम पुलिस ने बताया कि 48 वर्षीय विधवा महिला की शिकायत पर पुलिस ने मंदिर के पुजारी अमरकांत दुबे के खिलाफ केस दर्ज किया है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वह विद्या पैलेस क्षेत्र में रहती है और ब्यूटी पार्लर चलाती है। उसकी सन 2000 में धार में शादी हुई थी, लेकिन 2004 में पति ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद वह वर्ष 2005 से विद्या पैलेस में रहने लगी। घर के पास स्थित साई मंदिर में उसकी पहचान पुजारी अमरकांत पिता शंकर प्रसाद दुबे निवासी अंबिकापुरी एक्सटेंशन से हुई थी। धीरे-धीरे जान पहचान बढ़ी और जनवरी 2010 में आरोपी ने महिला से शादी करने का वादा किया। उसपर भरोसा कर महिला ने उसे अपने घर में रहने की अनुमति दे दी। आरोपी तब से लेकर 15 साल तक उसके साथ रहकर संबंध बनाता रहा। पीड़िता के अनुसार, जब भी वह शादी की बात करती, अमरकांत बहाने बनाकर टाल देता था। 4 अगस्त 2025 को जब महिला ने दोबारा शादी की बात की, तो आरोपी ने गाली-गलौज कर घर छोड़ दिया और जाते-जाते कहा। तु मुझसे बड़ी है, मैं तुझसे कभी शादी नहीं करूंगा, मुझे जो करना था वो कर लिया। इसके बाद आरोपी अन्य जगह शादी के लिए रिश्ते देखने लगा। खुद को ठगा महसूस करते हुए पीड़िता ने आखिरकार थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपी पुजारी अमरकांत दुबे के खिलाफ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म समेत संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बिलाल पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।
पीड़िता ने बताया कि आरोपी पंडित ने पिछले 15 सालों तक उसके साथ रहते हुए भरोसा जीता और इसी दौरान उसका मकान हड़प लिया। महिला के अनुसार, आरोपी ने खुदको आर्थिक रूप से परेशान बताते हुए उससे पैसों की मदद मांगी। जब उसके पास नकद रुपए नहीं थे, तो आरोपी ने कहा कि “मकान पर लोन करवा लेते हैं, दोनों के पास पैसा आ जाएगा।” उसने यह भी कहा कि “कुछ पैसा मार्केट में निवेश करेंगे ताकि लोन की किस्तें भर सकें। लेकिन आरोपी ने षड्यंत्रपूर्वक 70 लाख रुपए का लोन लेकर पूरा पैसा हड़प लिया। इस दौरान वह पीड़िता को लोन से जुड़े कागज़ों पर हस्ताक्षर करवाने के बहाने महू ले गया। वहां उसने लोन के बहाने दस्तावेज़ों पर साइन करवाए, इसके बाद इंदौर लाकर उसने मकान की रजिस्ट्री अपने भाई अरविंद दुबे की पत्नी के नाम पर करवा ली। पीड़िता को जब सच्चाई पता चली तो वह हैरान रह गई। इसके बाद आरोपी ने अपना असली चेहरा दिखाना शुरू कर दिया। महिला ने बताया कि जब उसने पैसे वापस मांगे तो आरोपी ने धमकी दी, गाली-गलौज की और मारपीट तक की। पीड़िता ने आरोपी अमरकांत दुबे (पंडित), उसके भाई अरविंद दुबे और भाभी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत भी दर्ज करवाई है। लेकिन पुलिस अब तक मामले की जांच करने को तैयार नहीं है।
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सीबीआई टीम ने सीधी में बैंक अधिकारी को रिश्वत लेते किया गिरफ्तार
जबलपुर. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जबलपुर की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एमपी के सीधी जिले में बैंक में पदस्थ अधिकारी को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. बैंक अधिकारी का नाम विकास भारती है, जो कि बैंक में फील्ड ऑफिसर के पद पर है. सीधी निवासी कांतिलाल सोनी की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई.
दरअसल कांतिलाल सोनी ने सीधी जिले के एसबीआई की मानस भवन शाखा में कुछ दिन पहले मुद्रा लोन के लिए आवेदन किया था. बैंक में उनकी मुलाकात फील्ड ऑफिसर विकास भारती से हुई. दोनों के बीच बातचीत हुई तो फील्ड ऑफिसर ने कांतिलाल को बताया कि आपको सिर्फ 10 लाख रुपए तक ऋण की पात्रता है, इससे ज्यादा नहीं मिल सकता. ऋण स्वीकृत करने की प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेजों सहित अन्य अभिलेख की फोटो कापी और आवेदन पत्र विकास भारती ने ले लिया.
कुछ दिन बाद कांतिलाल को पता चला कि उसे 5 लाख रुपए ही लोन स्वीकृत हुआ है. अगले दिन कांतिलाल, फील्ड ऑफिसर से मुलाकात करने बैंक पहुंचे, तो बताया गया कि 5 लाख रुपए का लोन हुआ है, स्वीकृति के एवज में चेक जारी करने के लिए 20 हजार रुपए रिश्वत लगेगी. कांतिलाल ने देने से मना किया तो चेक देने से मना कर दिया गया, जिसकी शिकायत फरियादी ने जबलपुर सीबीआई कार्यालय विजय नगर में दर्ज करवाई. शिकायत मिलने पर सीबीआई की टीम ने फोन पर दोनों के बीच बातचीत ट्रैप की है. शनिवार की शाम को फील्ड ऑफिसर ने रिश्वत की राशि लेकर कांतिलाल को मिलने के लिए बैंक में बुलाया. जैसे ही कांतिलाल ने फील्ड ऑफिसर को फोन किया वह रिश्वत की रकम लेने के लिए बैंक से निकाल कर बाहर आया.
फील्ड ऑफिसर कांतिलाल से रिश्वत की राशि लेकर जब में रख रहा था तभी पहले से बाहर खड़े सीबीआई की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई ने फील्ड ऑफिसर के संबंध में बैंक की शाखा और उसके घर पर जाकर भी जांच की है. रिश्वत से जुड़े ऋण मामले के अभिलेख जब्त किए हैं. छापामारी करने वाले सीबीआई की टीम में डीएसपी एके मिश्रा, यूपी सिंह, राहुल तिवारी, नितेश सिंह एवं अन्य शामिल रहे.
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पलक झपकते ही सेल्समैन से 2 लाख की लूट
भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 2 लाख रुपए की लूट का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सड़क पर चल रहे शातिर बदमास ने लूट की हैरान कर देने वाली वारदात को अंजाम दिया है। खास बात ये है कि, लूट की वारदात का खुलासा घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे से हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि, वारदात इतनी तेजी से अंजाम दिया गया कि, अगर ये कैमरे में कैद न हुई होती शायद ये पता चल पाना भी संभव नही थी कि आखिर बैग गायब कैसे हुआ।
इधर, घटना की जानकारी लगते ही शाहपुरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की पड़ताल शुरु करते हुए क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की। संदिग्ध लुटेरे द्वारा वारदात को अंजाम दिए जाने की पुष्टि होते ही मामले को जांच में ले लिया है।
ये सनसनीखेज लूट की वारदात शाहपुरा थाना इलाके की है, जहां चलते रोड पर बदमाश ने लूट की वारदात को अंजाम दिया है। मेडिकल सेल्समैन से 2 लाख की लूट की वारदात हुई है।
सामने आए सीसीटीवी के अनुसार, फरियादी गाड़ी खड़ी कर पान की दुकान पर रुका था। इस दौरान पहले से पीछा कर रहे अज्ञात बदमाश ने मौका पाकर पीछे से बैग पर झपट्टा मारा और नजरों से ओझल हो गया। सीसीटीवी में दिख रहा बदमाश मुंह पर मास्क लगाए हुआ था। बताया जा रहा है कि, बैग में वसूली के 2 लाख रुपए नकद रखे थे। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
दिल्ली में कई हत्याओं में शामिल कुख्यात भगोड़ा गैंगस्टर राशिद केबलवाला को इस्तांबुल से अज़रबैजान पहुंचने पर हिरासत में ले लिया गया। यह स्पष्ट नहीं है कि ज़मानत पर रिहा होने के बाद उसे वहां कैद किया गया है या निगरानी में रखा गया है। भारतीय खुफिया एजेंसियां अब उसे वापस लाने की तैयारी कर रही हैं। भारतीय खुफिया एजेंसी, राफेल के सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय द्वारा सभी कानूनी औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद उसे दो से तीन हफ़्तों के भीतर देश वापस लाया जा सकता है। जेल में बंद गैंगस्टर हाशिम बाबा का राशिद करीबी सहयोगी है और लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट से भी जुड़ा है।
राशिद केबलवाला दिल्ली पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है। उसका नाम सबसे पहले सितंबर 2024 में ग्रेटर कैलाश में व्यवसायी नादिर शाह की हत्या के मामले में सामने आया था। इसके बाद, अक्टूबर 2024 में दिवाली की रात पूर्वी दिल्ली में दोहरे हत्याकांड और दिसंबर 2024 में कृष्णा नगर में बिजनेसमैन सुनील जैन की हत्या में भी उसका नाम उछला। इन घटनाओं ने उसे दिल्ली पुलिस के लिए सबसे वांटेड अपराधियों में से एक बना दिया।
दिसंबर 2024 में टाइम्स ऑफ इंडिया को राशिद ने बताया था कि सुनील जैन की हत्या अक्टूबर में हुए दोहरे मर्डर का बदला थी, लेकिन उसने अपनी भागीदारी से इनकार किया। उसने बताया कि साहिल उर्फ गोलू नामक हमलावर ने दो पक्षों से एक अन्य व्यक्ति की हत्या के लिए पैसे लिए थे। वह इस मामले में शामिल था। राशिद के अनुसार, जैन टारगेट नहीं था, बल्कि असली निशाना विराट नाम का शख्स था, जिसे वह खत्म करना चाहता था। सूत्रों के मुताबिक, साहिल अभी फरार है और उसके विदेश भाग जाने की आशंका है।
राशिद केबलवाला और हाशिम बाबा का आपराधिक इतिहास लंबा है। 2013 में अंतिम संस्कार के दौरान अकील मामा की हत्या कर दोनों कुख्यात हुए। उनके पूर्व सहयोगी नासिर के जेल जाने के बाद दोनों ने गैंग का नियंत्रण संभाला और बाद में अलग-अलग होकर अपनी-अपनी गतिविधियां चलाने लगे। राशिद कई हत्याओं से जुड़ा हिस्ट्री-शीटर है। 2018 में सऊदी अरब भागने की कोशिश में उसे पकड़ा गया था। उसने रियाद में गारमेंट्स का बिजनेस शुरू किया था और थाईलैंड में विस्तार कर रहा था, जिसे जांचकर्ताओं ने अवैध कमाई को वैध बनाने की कोशिश बताया। 2019 में राशिद के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने MCOCA के तहत मामला दर्ज किया था। 2020 में उसे स्पेशल सेल ने फिर से गिरफ्तार किया, लेकिन 2022 की शुरुआत में वह जाली पासपोर्ट का उपयोग कर फरार हो गया। दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 1 लाख रुपये का इनाम रखा था।
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खमरिया फैक्ट्री को मिला 2280 करोड़ का उत्पादन लक्ष्य… वायुसेना के लिए हाई‑टेक बम बनाना शुरू
जबलपुर। खमरिया स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देश की रक्षा ताकत को नए पंख दे रही है। भारतीय वायुसेना के लिए यहां आधुनिक बमों का निर्माण युद्धस्तर पर जारी है। 2280 करोड़ रुपए के उत्पादन लक्ष्य में से फैक्ट्री अब तक 900 करोड़ का काम पूरा कर चुकी है। देश की 41 आयुध निर्माणियों में जबलपुर की यह फैक्ट्री लगातार अव्वल बनी हुई है, जो इसे भारत की सैन्य तैयारी का सिरमौर साबित करती है। रक्षा उत्पादन में यह उपलब्धि न सिर्फ आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि देश की सुरक्षा को भी और अटूट बना रही है।
बीएमपी-2 सीरीज को और अधिक शक्तिशाली बनाया गया है। इस साल निर्माणी को 2280 करोड़ रुपए के रक्षा उत्पादन का लक्ष्य मिला है, जिसमें से 900 करोड़ रुपए का काम पूरा हो चुका है। मार्च तक पूरा लक्ष्य हासिल करने का अनुमान है।
पिछले साल निर्माणी को 1800 करोड़ रुपए का टारगेट मिला था, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। देश की सभी 41 आयुध निर्माणियों में यह फैक्ट्री अव्वल रही थी। यह प्रदर्शन एक रिकॉर्ड के तौर पर दर्ज हुआ।
ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया (ओएफके) रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में लगातार देश की सबसे आगे रहने वाली फैक्ट्री बनी हुई है। एमआईएल समूह की यह इकाई फिर से नया रिकॉर्ड बनाने की दिशा में बढ़ रही है। इस बार भी वायुसेना के लिए कई अहम हथियार और उपकरण तैयार किए जा रहे हैं।
पिछले अभियानों में ओएफके द्वारा बनाए गए हथियारों ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। एल-70 गन में इस्तेमाल हुआ एम्युनेशन दुश्मनों पर हमला करने में सफल साबित हुआ।
रूस के साथ मिलकर चल रहे मैंगो बम प्रोजेक्ट पर तेजी से काम हो रहा है। रूसी विशेषज्ञ इन दिनों ओएफके में मौजूद हैं और निर्माणी की टीम को इस तकनीक से जुड़ी ट्रेनिंग दे रहे हैं।
रूस में बने पिकोरा बम की री-फीलिंग का काम फिलहाल रोक दिया गया है। पिछले साल इस प्रक्रिया में दो कर्मचारियों की मौत हो गई थी। घटना की जांच जारी है और रिपोर्ट के बाद ही उत्पादन को लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा।
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रेप केस में ममता बनर्जी का बयान, रात में बाहर न निकले लड़कियां, आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर रेप केस मामले में रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, 'ये वारदात चौंकाने वाली है। हमारी सरकार ऐसी घटनाओं को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करती। वारदात में शामिल तीन आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। पुलिस अन्य की तलाश कर रही है, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही, मुख्यमंत्री ने कहा कि, किसी लड़की को रात में बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।'
सीएम ममता बनर्जी ने अन्य राज्यों की रेप घटना का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि, 'आप मुझे बताइए कि ओडिशा में तीन सप्ताह पहले समुद्र तट पर तीन लड़कियों के साथ बलात्कार हुआ। ओडिशा सरकार ने क्या कार्रवाई की और बंगाल में अगर महिलाओं के साथ कुछ भी होता है, तो हम इसे सामान्य मामला नहीं मानते, यह एक गंभीर मामला है'।
मुख्यमंत्री ने कहा कि,' बंगाल में जीरो टॉलरेंस है। हम यहां इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते हैं और मैं बाहर से यहां पढ़ने आने वाले छात्रों से भी अनुरोध करती हूं कि वे रात में बाहर न जाएं। निजी कॉलेज का भी एक दायित्व है, कि छात्रों का ध्यान रखें। घटना निंदनीय है, लेकिन जो लोग हॉस्टल में रहते हैं, उनका एक सिस्टम होता है। मैंने पुलिस से सख्त कार्रवाई करने को कहा है।'
घटना 10 अक्टूबर (शुक्रवार) रात की है। जब पीड़िता और उसकी दोस्त डिनर करने कैंपस के बाहर गए थे। तीन युवक छात्राओं का पीछा करने लगे। यह देख अन्य छात्रा डर कर भाग गई। पीड़िता ने भागने की कोशिश की, पर उसे युवकों ने पकड़ लिया। वे लोग उसे जंगल में ले गए और अन्य दो युवकों को बुलाकर उसका रेप किया।
सिवनी। हवाला के 3 करोड़ रुपये लूटने के आरोपों में घिरी खाकी बर्दी के मामले में नये-नये तथ्य सामने आ रहे है। वहीं पुलिस की छवि को धूमिल करने वाले पुलिस कर्मचारियों की पहचान करने में पुलिस विभाग के आला अधिकारियों के नेतृत्व में ताबातोड़ तरीके से जांच की प्रक्रिया बीते 48 घंटों से चल रही है।
प्रारंभिक जांच में लखनादौन एसडीओपी कार्यालय में पदस्थ प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला के 8 अक्टूबर की रात सीलादेही में हुए घटनाक्रम में संलिप्तता पाए जाने पर पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मेहता ने 11 अक्टूबर को प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया है। निलंबित प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला का दो माह पहले एसडीओपी कार्यालय सिवनी से लखनादौन स्थानांतरण हुआ था।
संदिग्ध आचरण पर निलंबित प्रधान आरक्षक को पुलिस लाइन सिवनी अटैच किया गया है। हवाला लूट मामले में कुछ और लोगों के शामिल होने की चर्चाएं जोर पकड़ रही है। लेकिन पुलिस मामले में फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। सभी तथ्यों को जांचने-परखने के बाद कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है।
1.45 करोड़ रुपये नकद जब्त होने के मामले में जांच प्रतिवेदन के आधार पर तीन लोगों के खिलाफ संगठित अपराध की धाराओं में लखनवाड़ा थाना पुलिस ने शनिवार देर रात प्रकरण दर्ज कर लिया है। हवाला का रुपया इधर-उधर करने के आरोप के सोहन परमार, इरफान पठान व शेख मुख्तियार पर एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपित कहां के रहने वाले हैं, रुपये किसका है और कहां से आया था, पुलिस इसकी जांच कर रही
कहा जा रहा है कि जल्द घटनाक्रम की जांच पूरी कर प्रतिवेदन जबलपुर आईजी प्रमोद वर्मा को प्रस्तुत किया जाएगा। आगामी एक-दो दिनों में प्रतिवेदन अधिकारियों तक पहुंच सकता है। सूत्रों के अनुसार हवाला की रकम लूटने के बाद प्रकरण को रफा-दफा करने सौदेबाजी का दौर भी चला। जानकारी के अनुसार हाईवे में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी जांच में खंगाले जा रहे हैं।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल
- अगर जप्ती वैध थी, तो तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना क्यों नहीं दी गई?
- पूरी रकम 2.96 करोड़ में से केवल 1.45 करोड़ ही क्यों जमा की गई?
- बंडोल थाना प्रभारी अपने क्षेत्र से बाहर सीलादेही तक क्यों पहुँचे?
कथित हवाला कारोबारी सोहनलाल परमार ने वाहन में 2 करोड़ 96 लाख 50 हजार रुपये होने की बात कही थी। जबकि एसडीओपी व पुलिस कर्मचारियों के पास से 1.45 करोड़ रूपये मिले थे। कहा जा रहा है कि कारोबारी को कथित रूप से लौटाई गई रकम में 25 लाख 60 हजार रूपये कम पाए गए हैं।
यह बड़ी रकम किसने गायब की यह भी पुलिस के लिए जांच विषय बना हुआ है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद पूरा सच सामने आ जाएगा।
सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि 8-9 अक्टूबर की रात हुए इतने बड़े घटनाक्रम की भनक जिले के आला अधिकारियों तक समय रहते क्यों नहीं पहुंची और संबंधितों पर कार्रवाई करने अधिकारियों ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया।
मामले डीईजी से आईजी तक पहुंचने पर जबलपुर आइजी प्रमोद वर्मा को संदिग्ध आचरण करने वाले 9 पुलिस कर्मचारियों को निलंबन आदेश जारी करना पड़ा। हालाकि पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मेहता भोपाल में आयोजित बैठक में शामिल होने गए थे।
जबकि एएसपी दीपक मिश्रा एसपी का प्रभार संभाल रहे थे। वहीं आइजी के प्रतिवेदन पर सिवनी एसडीओपी पूजा पांडे का निलंबन आदेश राज्य के डीजीपी कैलाश मकवाना ने 10 अक्टूबर को जारी कर दिया। अब इस प्रकरण में निलंबित पुलिस कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है।
प्रकरण ने उड़ाई पुलिस अधिकारियों की नींद
इस पूरे घटनाक्रम ने आमजनों की सुरक्षा में तैनात जिम्मेदारों पुलिस अधिकारियों की बदनीयत से विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है। पुलिस द्वारा कथित लूट के आरोपों में जब्त 1.45 करोड़ रुपये की जांच करने 10 अक्टूबर को आयकर विभाग का दल जबलपुर से सिवनी पहुंचा था। 8-9 अक्टूबर की रात हवाला के करोड़ों रुपये के लूट संबंधी आरोपों ने जिले के पुलिस अधिकारियों की नींद उड़ा दी है।
जानकारी के अनुसार एसपी सुनील मेहता ने एसडीओपी का अतिरिक्त प्रभारी एजेके थाना प्रभारी को सौंप दिया है। हवाला के 3 करोड़ रुपये की लूट के आरोप में एसडीओपी कार्यालय के रीडर समेत लगभग पूरा स्टाफ निलंबित हो चुका है। जिस वाहन से रकम जब्त हुई वह कार कहां गई?
वाहन में कौन-कौन सवार थे? जैसे कई गंभीर सवाल एफआईआर दर्ज होने के बाद स्पष्ट हो सकेंगे। कार ड्राइवर व एक अन्य से कथित रूप से मारपीट की बात भी सूत्रों द्वारा कही जा रही है, जिसकी हकीकत जांच के बाद सामने आएगी।
संदिग्ध आचरण में उलझी एसडीओपी पूजा पांडे के अलावा बंडोल थाना प्रभारी व उपनिरीक्षक अर्पित भैरम, एसडीओपी कार्यालय में पदस्थ प्रधान आरक्षक माखन, रीडर रविंद्र उईके, प्रधान आरक्षक जगदीश यादव, योगेंद्र चौरसिया, आरक्षक चालक रितेश, गनमैन केदार व सदाफल, बंडोल के आरक्षक नीरज राजपूत तथा लखनादौन एसडीओपी कार्यालय में पदस्थ प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला को अब तक निलंबित किया जा चुका है।
सभी बिन्दुओं पर गंभीरता से जांच की जा रही है। प्रकरण में एक प्रधान आरक्षक की संलिप्ता प्रथम दृष्टया जांच में पाए जाने पर उसे तत्काल निलंबित कर दिया गया है। प्रकरण के संबंध में मिल रही अलग-अलग सूचनाओं पर भी जांच की जा रही है।
सुनील कुमार मेहता, पुलिस अधीक्षक सिवनी
बालाघाट. मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में बिजली विभाग द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर का विरोध उग्र हो गया है. लालबर्रा कस्बे में एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने भरे बाजार में नए स्मार्ट मीटर को जमीन पर पटककर डंडे से तोड़ दिया. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज कर लिया है.
जानकारी के अनुसार, विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारी सीनियर इंजीनियर सरफराज कुरैशी के निर्देशन में लालबर्रा मुख्यालय की दुकानों पर स्मार्ट मीटर लगाने पहुंचे थे. इसी दौरान स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता मनीष कुशवाहा ने कुछ अन्य दुकानदारों के साथ मिलकर इसका विरोध शुरू कर दिया.
अधिकारियों द्वारा जब मीटर लगाने पर जोर दिया गया तो मनीष कुशवाहा का गुस्सा भड़क गया. उसने एक नया स्मार्ट मीटर छीनकर उसे बाजार चौक पर जमीन पर पटक दिया और फिर डंडे से पीट-पीटकर उसे तोड़ दिया. वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने इस घटना का वीडियो बना लिया, जो अब वायरल हो गया है. स्थानीय दुकानदारों और लोगों में यह आशंका है कि स्मार्ट मीटर लगने से उनके बिजली के बिल बहुत ज्यादा आएंगे. वे पुराने मीटर को ही जारी रखने की मांग कर रहे हैं और इसी वजह से नए मीटर लगाने का विरोध किया जा रहा है.
विद्युत विभाग के सीनियर इंजीनियर सरफराज कुरैशी की शिकायत पर लालबर्रा थाना पुलिस ने आरोपी मनीष कुशवाहा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. विभाग ने अपनी शिकायत में मीटर तोड़े जाने से 9 हजार रुपये का नुकसान होने की बात भी कही है. पुलिस अब वायरल वीडियो के आधार पर मामले की जांच कर रही है.
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13 October 2025

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