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पन्ना. मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के अजयगढ़ विकासखंड के ग्राम शहपुरा में स्कूली छात्रा से प्रिंसिपल द्वारा मारपीट का मामला सामने आया है. यहां धरमपुर अंतर्गत ग्राम शहपुरा के शासकीय हाई स्कूल से घटना सामने आई है, जहां परीक्षा के दिन कथित तौर पर प्रिंसिपल द्वारा मारे जाने से छात्रा बेहोश हो गई. इसके बाद स्कूली बच्चों ने परीक्षा का बहिष्कार कर दिया.
पन्ना के ग्राम शहपुरा में अर्धवार्षिक परीक्षा चल रही थी, जहां पर प्रिंसिपल द्वारा कथित तौर पर बच्ची को पीटा गया. बच्ची के बेहोश होने की खबर जैसे ही गांव वालों को पहुंची तो सरपंच सहित अन्य लोग स्कूल पहुंच गए और हंगामा कर दिया. स्कूली बच्चों ने भी बाहर निकलकर प्रिंसिपल के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए प्रिंसिपल मुर्दाबाद के नारे लगा दिए. मामला गरमाया तो जिला शिक्षा अधिकारी पुलिस लेकर स्कूल पहुंच गए.
हाई स्कूल शाहपुरा की अर्धवार्षिक परीक्षा चल रही थी और गुरुवार को गणित का पेपर था. पेपर 10:00 बजे चालू होना था और आरोप है कि प्रिंसिपल राजेंद्र प्रसाद प्रजापति 11:00 बजे पहुंचे. इसके बाद उन्होंने सीटिंग प्लान शुरू कर दिया, जिसपर बच्चों ने कहा कि ये व्यवस्था पहले हो जानी थी. इसपर प्रिंसिपल ने आपा खो दिया और एक छात्रा से बहस करते हुए उसे पीट दिया. इससे छाता बेहोश हो गई. तभी स्कूली बच्चों ने ये सूचना गांव में अपने अभिभावकों को दी. बड़ी संख्या में जब गांव वाले पहुंचे और बच्ची को पानी के छीटें मारे, जिसके बाद वह होश में आई और उसने पूरा घटनाक्रम बताया. इसके बाद गुस्साए गांव वालों ने उच्च अधिकारियों को सूचना दी, तब जाकर वहां पर सहायक संचालक शिक्षा विभाग पहुंचे.
पीडि़त छात्रा ने आरोप लगाते हुए कहा, 10 बजे पेपर होने था लेकर प्रिंसिपल एक घंटे बाद पहुंचे. जब मैंने उनसे कहा कि सीटिंग प्लान आप अब बना रहे हैं, ये तो पहले हो जाना था, इसपर वे नाराजा हो गए और अनाप-शनाप बातें बोलते हुए मुझसे मारपीट की. इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग के सहायक संचालक डीडी रजक ने कहा, बच्ची के साथ मारपीट की जानकारी मिली और मैं मौके पर आया हूं. सभी तथ्यों की जांच की जाएगी और जो भी दोषी होंगे उनके ऊपर कार्रवाई होगी

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बैरागढ़ में हिंदुओं के घरों पर पथराव , आरोपियों पर FIR दर्ज
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बैरागढ़ में दो पक्षों के बीच विवाद के बाद पथराव किया गया था। इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी अन्नू कुरैशी के खिलाफ नामजद और बाकी साथियों पर FIR दर्ज की गई है। गाली गलौच करने, घर पर पथराव और जान से मारने की धमकी देने का केस रजिस्टर्ड किया गया है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
दरअसल, बैरागढ़ के 12 नंबर कैंप में मंगलवार की रात (4 नवंबर) को हिंदू परिवार के घरों पर पथराव किया गया था। स्थानीय हिंदू परिवारों की तरफ से आरोप लगाया गया है कि कॉलोनी के कुछ मुस्लिम युवक लगातार हिंदुओं को टारगेट कर रहे हैं, जिसके कारण मजबूरन उन्हें पलायन करना पड़ रहा है। यह भी कहा गया था कि कई बार इसकी शिकायत पुलिस से की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें देखा जा सकता है कि हिंदू परिवार पर जब हमला किया गया उस वक्त कुछ युवक घर के बाहर खड़े हुए थे। घर पर जो पत्थर फेंके गए है, उसकी भी तस्वीर सामने आई थी। फिलहाल बैरागढ़ थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
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रिटायर्ड DSP पर मंदिर के पुजारी से अभद्रता का आरोप: रेत से भरे डंपर को जब्त करने पर हुई थी कहासुनी, पूर्व मंत्री ने घेरा थाना
शिवपुरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी में बीते दिनों रेंजर के पिता रिटायर्ड डीएसपी ने मंदिर के पुजारी से अभद्रता की थी। जिसे लेकर बवाल मच गया है। मामले में पूर्व मंत्री सुरेश राठखेड़ा समेत गुर्जर व अन्य समाज ने सतनवाड़ा थाने के घेराव कर कार्रवाई की मांग की जिसके बाद पुलिस ने मामला शांत कराकर रिटायर्ड डीएसपी सुरेश सिकरवार पर अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर दिया है।
दरअसल, झिरना मंदिर पर तीन दिन पहले एक डंपर रेत डालने आया था। यह डंपर वन क्षेत्र से रेत का अवैध उत्खनन करके लाया था। इसलिए सतनवाड़ा रेंज के वन अमले ने डंपर को मंदिर के पास से जब्त कर लिया। इस दौरान मंदिर के पुजारी बालकिशन दास के साथ अमले की कहासुनी हो गई थी। बाद में पुजारी रेंजर माधव सिंह सिकरवार के पिता रिटायर्ड डीएसपी सुरेश सिंह सिकरवार से उनके घर पर भी मिलने गए थे।
पुजारी का आरोप है कि जब वह रिटायर डीएसपी के घर मिलने गए थे, तब उनके साथ गाली-गलौच की गई थी। इस पूरे मामले में मंदिर के पुजारी, गुर्जर व अन्य समाज के दो सैकड़ा लोगों के साथ सतनवाड़ा थाना पहुंचे और थाने का घेराव करते हुए वन अमले व रेंजर माधव सिंह सिकरवार के खिलाफ कार्रवाई व पकड़े गए डंपर को छोडऩे की मांग करने लगे।

सीहोर। मध्यप्रदेश के एक बार फिर सरकारी अधिकारी-कर्मचारी के द्वारा आम नागरिक से अभद्रता किए जाने का मामला सामने आया है। इस बार मामला सीहोर जिले का है जहां एक महिला पटवारी ने एक युवती को थप्पड़ मार दिया। बताया गया है कि पीड़ित युवती अपनी जमीन का नक्शा सुधरवाने के लिए महिला पटवारी के पास आई थी और करीब 4 महीने से परेशान हो रही थी। घटना के बाद थप्पड़ मारने वाली महिला पटवारी के खिलाफ पीड़ित युवती ने थाने में आवेदन भी दिया है।
महिला पटवारी के द्वारा युवती को थप्पड़ मारे जाने की घटना सीहोर जिले के बुदनी के भैरूंदा की है जहां मंगलवार को पांचोर की रहने वाली युवती साक्षी अपने मामा सुरेश के साथ हल्का पटवारी अंकिता धुर्वे के पास पहुंची थी। साक्षी को उसकी जमीन के नक्शे में सुधार कराना था। आरोप है कि जब वो महिला पटवारी अंकिता धुर्वे के पास अपनी समस्या लेकर पहुंची तो पटवारी आनाकानी करने लगीं और काम को टालने लगीं। इसी दौरान बातचीत हो रही थी तभी महिला पटवारी अंकिता धुर्वे ने उसे थप्पड़ मार दिया।
घटना के बाद पीड़ित युवती साक्षी ने महिला पटवारी अंकिता धुर्वे के खिलाफ थाने में आवेदन दिया है। पीड़िता का कहना है कि चार महीने पहले उसने जमीन का नक्शा सुधरवाने के लिए आवेदन दिया था लेकिन अभी तक नक्शा दुरुस्त नहीं किया गया। अब जब उसने काम करने के लिए कहा तो महिला पटवारी ने अभद्रता करते हुए मारपीट कर दी। पुलिस ने पीड़िता का आवेदन लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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दहेज प्रथा : दुल्हन पक्ष ने लौटा दी बारात, दूल्हे और उसके परिवार पर दर्ज कराया केस
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में प्रेम विवाह में बारात को दुल्हन के परिवार ने लौटा दिया। दरअसल, फेरे से पहले एक सोने की चेन और अंगूठी की डिमांड की थी। जिसमें वजन कम होने को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि दुल्हन पक्ष के लोगों ने बारात को उल्टे पांव लौटा दिया। इतना ही नहीं दूल्हे और उसके परिजन के खिलाफ थाने में केस भी दर्ज कराया गया है।
सामाजिक संगठन से लेकर तमाम नियम कायदे में दहेज प्रथा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन इसके बावजूद भी दहेज प्रथा को लेकर कई तरह के विवाद सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला इंदौर के एमजी रोड थाना क्षेत्र से सामने आया है। जहां दुल्हन के परिवार ने बारात को वापस लौटा दिया।
पुलिस के अनुसार गौरव नामक युवक परिवार और रिश्तेदारों के साथ बारात लेकर पहुंचा था। जहां पर शादी समारोह चल रहा था। तभी एक सोने की अंगूठी और सोने की चेन परिवार ने दी, लेकिन उसका वजन कम होने के कारण दोनों ही पक्ष आमने-सामने हो गए। इसके बाद दुल्हन पक्ष ने थाने पर दहेज प्रताड़ना और मारपीट से संबंधित धाराओं में प्रकरण दर्ज कराया। जिसमें दूल्हे और उसके परिवार के सदस्य को आरोपी बनाया गया है।
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इन शहरों में रसोई गैस की भारी किल्लत, 5 लाख घरों में ठंडे पड़े चूल्हे
मैहर। मध्य प्रदेश के सतना और मैहर जिलों में रसोई गैस की किल्लत गहराती जा रही है। जहां पहले हर दिन हज़ारों सिलेंडरों की डिलीवरी होती थी, वहीं अब एजेंसियों के पास स्टॉक लगभग खत्म हो चुका है। घरों में खाना बनाना मुश्किल हो गया है, और कई परिवार अब लकड़ी या पारंपरिक चूल्हों का सहारा लेने को मजबूर हैं।
लोगों का कहना है कि उन्होंने गैस की बुकिंग कई दिन पहले कर रखी है, लेकिन अब तक सिलेंडर नहीं मिला। एजेंसियों पर फोन करने पर सिर्फ एक जवाब मिलता है, सप्लाई नहीं आई है। त्योहारी और शादी के मौसम में जब गैस की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, उसी वक्त इसकी कमी ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं।
तेल कंपनियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल सतना और मैहर में गैस की आपूर्ति अपने सामान्य स्तर के सिर्फ 40–50 प्रतिशत तक ही रह गई है। रिफिलिंग प्लांटों में गैस की कमी के चलते एजेंसियों तक सिलेंडरों की संख्या घट गई है। जहां पहले एक दिन में हज़ारों सिलेंडर पहुंचते थे, अब डिलीवरी मुश्किल से 20 प्रतिशत रह गई है। हज़ारों उपभोक्ताओं की बुकिंग वेटिंग लिस्ट में फंसी हुई है। एजेंसियों से कहा जा रहा है कि अगले हफ्ते तक इंतज़ार करें, लेकिन कई घरों में खाना बनाना अब मुश्किल होता जा रहा है। जिन परिवारों में शादी या कोई बड़ा आयोजन है, वे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
नवंबर का महीना मध्य प्रदेश में शादियों और धार्मिक आयोजनों का समय होता है। सतना और मैहर जैसे इलाकों में घर-घर में तैयारियां चल रही हैं, लेकिन गैस की कमी ने सबकी टेंशन बढ़ा दी है। सतना शहर, मैहर और चित्रकूट जैसे क्षेत्रों में हजारों परिवार, होटल, भोजनालय और धार्मिक स्थल प्रभावित हुए हैं। कई जगह रसोई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो चुकी है। धार्मिक स्थलों पर जहां हर दिन सैकड़ों लोगों के लिए भोजन बनता है, वहां अब लकड़ी और कोयले का इस्तेमाल शुरू हो गया है। त्योहारी और विवाह सीजन में गैस की डिमांड सामान्य दिनों से लगभग दोगुनी हो जाती है। लेकिन इस बार रिफिलिंग प्लांटों में स्टॉक की कमी और ट्रांसपोर्टेशन में रुकावट के चलते हालात बिगड़ गए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थिति बिगड़ने के बावजूद न तो तेल कंपनियों ने कोई पहल की है और न ही प्रशासन ने ठोस कदम उठाया है। किसी भी अधिकारी की ओर से अब तक कोई सार्वजनिक सूचना या समाधान की घोषणा नहीं की गई। लोगों का कहना है कि सरकार जहां हर घर रसोई गैस योजना का दावा करती है, वहीं ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है। जब आम परिवारों को रोज़मर्रा की जरूरत के लिए गैस नहीं मिल रही, तो योजनाएं बेअसर लग रही हैं। अब आम जनता में नाराज़गी बढ़ती जा रही है, और लोगों का कहना है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो विरोध प्रदर्शन भी किया जा सकता है।
गैस संकट का असर सिर्फ घरों तक सीमित नहीं है। सतना और मैहर के छोटे होटल, ढाबे, और खानपान से जुड़े व्यवसायों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ा है। गैस की कमी के चलते कई दुकानों को ग्राहकों के ऑर्डर कैंसिल करने पड़े हैं। कई रेस्टोरेंट्स और ढाबों ने अब लकड़ी और कोयले से खाना बनाना शुरू कर दिया है, जिससे खर्च बढ़ गया है और समय भी ज्यादा लग रहा है। कुछ व्यापारियों का कहना है कि अगर स्थिति ऐसे ही बनी रही तो उन्हें दुकानें बंद करनी पड़ सकती हैं।
सूत्रों के अनुसार, सतना और मैहर में गैस सप्लाई बाधित होने के पीछे कई वजहें हैं। कई प्लांटों में उत्पादन अस्थायी रूप से प्रभावित हुआ है। गैस टैंकरों की कमी से वितरण की गति धीमी पड़ी है। नवंबर में शादी और त्योहारों के चलते डिमांड दोगुनी हो गई है। रीवा और जबलपुर के प्लांटों से आपूर्ति में देरी की वजह से सतना और मैहर की डिलीवरी अटक गई है। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और अगले कुछ दिनों में आपूर्ति सामान्य करने का प्रयास जारी है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि हालात कब तक सुधर पाएंगे।
इस गैस संकट ने आम लोगों के रोज़मर्रा के जीवन को गहराई से प्रभावित किया है। कई परिवारों में सुबह-शाम का खाना बनाना मुश्किल हो गया है। कुछ लोगों ने अस्थायी रूप से पड़ोसियों से सिलेंडर उधार लेकर काम चलाना शुरू कर दिया है। रसोई गैस सिर्फ ईंधन नहीं, बल्कि हर घर की ज़रूरत है। इसकी कमी का सीधा असर परिवारों की दिनचर्या और मनोस्थिति पर पड़ता है। महिलाएं सबसे ज़्यादा परेशान हैं, क्योंकि उन्हें अब दोबारा लकड़ी या कोयले से खाना बनाने की मजबूरी झेलनी पड़ रही है।
यह संकट सिर्फ एक आपूर्ति समस्या नहीं है, बल्कि सिस्टम की लापरवाही और तैयारी की कमी का नतीजा भी है। त्योहारी सीजन में जब मांग का अंदाजा पहले से लगाया जा सकता था, तब समय रहते स्टॉक और वितरण बढ़ाने की योजना क्यों नहीं बनाई गई? यह सवाल अब आम जनता के बीच गूंज रहा है। सरकार और तेल कंपनियों को अब गंभीरता से कदम उठाने होंगे, क्योंकि अगर यह संकट और बढ़ा तो यह सिर्फ एक जिले की समस्या नहीं रहेगी पूरे प्रदेश में असर दिखेगा।

नई दिल्ली। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों और मवेशियों से जुड़ी देशव्यापी समस्या पर सख्त कदम उठाए हैं। कोर्ट ने आवारा कुत्तों से जुड़े एक मामले में कहा कि, राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला पूरे देश में लागू होगा। अब सवाल उठता है क्या यह आदेश पूरे देश में सुरक्षा और जानवरों के लिए समान रूप से लागू होगा? जानिए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के सभी पहलू।
सुप्रीम कोर्ट ने 7 अक्टूबर को स्पष्ट किया कि, राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला पूरे देश में लागू होगा। आदेश के मुताबिक-
सभी स्टेट और नेशनल हाईवे से आवारा पशु हटाए जाएंगे।
स्कूलों, कॉलेजों, अस्पताल और सरकारी परिसर में बाड़ लगाई जाएगी।
पकड़े गए आवारा कुत्तों को उसी जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा।
जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने सुनवाई की। सभी राज्यों के मुख्य सचिव आदेश का पालन सुनिश्चित करेंगे और 3 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दायर करेंगे। अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।
कोर्ट के आदेश की मुख्य बातें
सभी राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर आवारा पशुओं की सूचना के लिए हेल्पलाइन नंबर प्रदर्शित होंगे।
2 हफ्ते में सभी स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और सरकारी दफ्तरों में बाड़ लगाई जाएगी।
रखरखाव और निरीक्षण के लिए प्रत्येक परिसर में नोडल अधिकारी नियुक्त होगा।
पकड़े गए पशु-उन्हें उसी जगह वापस नहीं छोड़ा जाएगा। शेल्टर या गौशाला में रखा जाएगा।
नगर निगम, नगरपालिका और पंचायत हर 3 महीने में कम से कम एक बार निरीक्षण करेंगे।
सभी डीएम सुनिश्चित करेंगे कि, आवारा कुत्ते स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और सरकारी दफ्तरों में प्रवेश न कर सकें। नियमित निरीक्षण और बाड़ लगाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। पकड़े गए कुत्तों को शेल्टर या गौशालाओं में रखा जाएगा और दोबारा सड़क पर नहीं छोड़ा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, यह आदेश केवल सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि बेजुबान जानवरों के प्रति न्याय सुनिश्चित करने के लिए भी अहम है।
28 जुलाई 2025: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बच्चों के बीच आवारा कुत्तों के काटने और रेबीज से मौतों की मीडिया रिपोर्ट पर स्वयं संज्ञान लिया।
11 अगस्त 2025: आवारा कुत्तों को दिल्ली-NCR के आवासीय क्षेत्रों से हटाने का आदेश।
22 अगस्त 2025: कोर्ट ने आदेश दिया कि पकड़े गए कुत्ते नसबंदी के बाद छोड़े जाएं।
3 नवंबर 2025: सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया।
7 नवंबर 2025: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश पूरे देश में लागू करने का ऐतिहासिक फैसला दिया।
देशभर में कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 2022 से 2025 तक का डेटा यही दिखाता है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। देशभर में 37 लाख से ज्यादा डॉग बाइट केस दर्ज हुए हैं। जनवरी 2025 तक अकेले 4.29 लाख मामले दर्ज हो चुके हैं।
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Vivo, Oppo, Realme.. वाले हो जाएं सावधान ! करोड़ों एंड्रॉयड यूजर्स पर मंडराया हैकिंग का खतरा ; सरकार ने जारी की चेतावनी
अगर आप एंड्रॉयड स्मार्टफ़ोन यूज़ करते हैं तो आपके लिए भारत सरकार की एजेंसी की तरफ़ से एक चेतावनी है. कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम CERT-in की तरफ़ से वॉर्निंग जारी की गई है. इसमें बताया गया है कि एजेंसी ने Android ऑपरेटिंग सिस्टम में कुछ खामियां ढूंढी हैं. इन खामियों का फायदा उठा कर अटैकर्स आपके डिवाइस में आर्बिटरी कोड एग्जिक्यूट कर सकते हैं. इस वजह से स्मार्टफ़ोन पर खतरा आ सकता है.
CERT.in के मुताबिक़ इस बग से Android 13, 14, 15 और 16 प्रभावित हैं. यानी लाखों स्मार्टफ़ोन खतरे में हैं, क्योंकि Android 16 लेटेस्ट वर्जन है. हालांकि ज़्यादातर लोगों के पास Android 14, 15 वाले स्मार्टफोन्स हैं. अगर आपके पास भी Pixel, Vivo, Oppo, Xiaomi, Realme, Motorola और OnePlus या सैमसंग के स्मार्टफोन्स हैं और उनमे ये एंड्रॉयड वर्जन हैं तो सतर्क हो जाएं.
एजेंसी के मुताबिक़ ये खामियां हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर वेंडर्स की तरफ़ से हैं. इनमें Qualcomm, NVIDIA, Broadcom और Unisoc के कॉम्पोनेंट्स शामलि हैं. बता दें कि ज़्यादातर एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में इनके ही कॉम्पोनेंट्स ही यूज़ किए जाते हैं. भारत सरकार की एजेंसी ने इस खामी को हाई रिस्क में रखा है. यानी इसका फायदा उठा कर हैकर्स आपके फोन से फिनांशियल डिटेल्स चुरा सकते हैं. यहां तक की आपके अकाउंट से पैसे भी साफ़ हो सकते हैं.
अच्छी बात ये है कि गूगल को भी इस खामी की जानकारी है और कंपनी ने नवंबर के सिक्योरिटी पैच में इसे फिक्स भी कर दिया है. लेकिन आपको अगर बचना है तो अपने फ़ोन पर नया सिक्योरटी पैच तुरंत इंस्टॉल करना होगा, वर्ना आपका फ़ोन खतरे में ही रहेगा.
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पं. धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा दिल्ली से वृंदावन के लिए शुरू, यमुना शुद्धिकरण और सामाजिक समरसता पर जोर
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में शुक्रवार को दिल्ली के इंद्रप्रस्थ से 'सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2.0' शुरू हुई। यह यात्रा वृंदावन तक जाएगी। इस यात्रा में कथावाचक जया किशोरी भी शामिल हैं। जया किशोरी ने एक वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी।
यात्रा से पहले सुबह 9 बजे दिल्ली के कात्यायनी मंदिर परिसर में संत-महात्माओं की उपस्थिति में मंचीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रगान, हनुमान चालीसा, श्रीराम नाम संकीर्तन और हिंदू एकता की शपथ ली गई। उसके बाद संतों द्वारा सौंपे गए धर्म ध्वज को लेकर बागेश्वर बाबा के नेतृत्व में यात्रा वृंदावन के लिए रवाना हुई।
पंडित धीरेंद्र ने कहा कि यह केवल यात्रा नहीं, बल्कि एक वैचारिक क्रांति है। इसका उद्देश्य समाज को जोड़ना और लोगों के विचारों को जागृत करना है। उन्होंने कहा कि यात्रा संवाद के माध्यम से आगे बढ़ेगी और सनातन एकता का संदेश लेगी। उन्होंने देश-विदेश के हिंदुओं से 7 से 16 नवंबर के बीच कम से कम एक दिन यात्रा में शामिल होने का आग्रह किया।
इस यात्रा में जगद्गुरु रामभद्राचार्य, राजेंद्र दास, दीदी मां ऋतंभरा, चिदानंद मुनि, स्वामी ज्ञानानंद, सुधांशु महाराज, राजू दास, मृदुल कांत शास्त्री, दाती महाराज, पंडित संजीव कृष्ण ठाकुर और महामंडलेश्वर नवल किशोर दास सहित कई संत और आचार्य शामिल हैं।
राजनीतिक क्षेत्र से दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, सांसद मनोज तिवारी और मंत्री कपिल मिश्रा भी उपस्थित रहेंगे। बागेश्वर महाराज ने बताया कि यात्रा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की 422 ग्राम पंचायतों से होकर गुजरेगी और करीब 5 करोड़ लोगों तक इसका संदेश पहुंचेगा।
इस बार यात्रा को मुस्लिम समाज का भी समर्थन मिला है। फैज खान के नेतृत्व में 300 से अधिक मुस्लिम सदस्य भी यात्रा में शामिल होंगे। मुस्लिम समुदाय ने कहा कि यह यात्रा लोगों को जोड़ने का काम कर रही है।
बागेश्वर महाराज ने सभी पदयात्रियों से कहा कि वे मर्यादित और शांतिपूर्ण रहें। किसी जाति, पंथ या संप्रदाय पर टिप्पणी न करें और अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग न करें। प्रशासन से सभी संवेदनशील स्थलों पर विशेष सुरक्षा की भी अपील की गई।
पदयात्रा के सात संकल्प
यमुना माता का शुद्धिकरण।
भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए।
गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा मिले।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर भव्य रूप में निर्मित हो।
ब्रज परिक्षेत्र में मांस-मदिरा पर प्रतिबंध।
अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद पर रोक।
जात-पात और ऊंच-नीच का भेद समाप्त कर सामाजिक समरसता स्थापित हो।

राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में वन विभाग के डिप्टी रेंजर को जान से मारने की धमकी मिली है। डिप्टी रेंजर ने बीजेपी विधायक पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर और एसपी से की है। फिलहाल प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
डिप्टी रेंजर मोहन सिंह सोनगिरा ने लिखित शिकायत की है। जिसमें उन्होंने अवैध कटाई पर कार्रवाई करने से नाराज आरा मशीन संचालक समेत भाजपा विधायक हजारी लाल दांगी पर धमकाने का आरोप लगाया है।
मोहन सोनगिरा ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर छापीहेड़ा-जीरापुर क्षेत्र में कार्रवाई और चेकिंग के बाद लगातार फोन के जरिए मेरा गला काटने, गुप्तांग काटने की धमकियां मिल रही हैं। डिप्टी रेंजर ने मामले की शिकायत कलेक्टर, एसपी और थाना कोतवाली में दर्ज कराई है। फिलहाल प्रशासन इस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटा हुआ है।

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12 दिन से लापता मंदिर के पुजारी का जंगल में मिला शव, पुलिस को हत्या का भी शक
सिवनी। मध्य प्रदेश के सिवनी के बरघाट थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव के पास स्थित मोर्चा देवी मंदिर के 12 दिन से लापता बुजुर्ग पुजारी केदार वाड़ीवा का शव जंगल मे नाले में बरामद किया गया। मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर अंदर जंगल के नाले में पुजारी का शव कई टुकड़ों में मिला है। परिजनों द्वारा लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया था, जिसके दौरान यह खुलासा हुआ।
वन विभाग के मुताबिक, जिस क्षेत्र में शव मिला है वहां बाघ और लेपर्ड का मूवमेंट अक्सर रहता है, ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि पुजारी को किसी हिंसक वन्यजीव द्वारा अपना शिकार बनाया गया है। हालांकि, पुलिस हत्या की आशंका से भी इंकार नहीं कर रही है। घटनास्थल से साक्ष्य लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, वहीं वन विभाग भी अपने स्तर पर क्षेत्र में वन्यजीवो की गतिविधियों की निगरानी कर रहा है।
फिलहाल पुजारी के शव का जिला अस्पताल सिवनी में पीएम करवाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पुजारी की मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा हो सकेगा।
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MP में हेलमेट नियम सख्त: बाइक चालक और पीछे बैठने वाले दोनों को लगाना अनिवार्य
भोपाल। मध्यप्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर आज से बड़ी सख्ती। दोपहिया वाहन चालक हो या पीछे बैठने वाला पिलियन राइडर, दोनों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य हो गया है। नियम तोड़ा तो सीधा चालान! भोपाल में 18 जगहों पर स्पेशल चेकिंग पॉइंट्स लगाए गए हैं। सबसे ज्यादा फोकस भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन पर, जहां सबसे अधिक सड़क हादसे हो रहे हैं।
साल 2024 में प्रदेश में 56,669 सड़क हादसे हुए, जिनमें 13,661 लोगों की मौत हुई। इनमें से 53.8% मौतें दोपहिया वाहनों से जुड़ीं और 82% मामलों में हेलमेट नहीं पहना था। आंकड़ों से पता चला कि 80% वाहन चालक हेलमेट नहीं लगाते। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर PTRI ने ये अभियान शुरू किया है। 4 साल से ज्यादा उम्र वालों पर लागू, ओला-उबर जैसी बाइक टैक्सी पर भी!
भोपाल में आज सुबह से ही 18 चेकिंग पॉइंट्स पर पुलिस तैनात है। बोर्ड ऑफिस, न्यू मार्केट, एमपी नगर सहित प्रमुख जगहों पर मोबाइल टीमें भी घूम रही हैं। बिना हेलमेट वाले ड्राइवर और पिलियन दोनों का चालान कट रहा है। पुलिस का कहना है – हेलमेट से मौत का खतरा 70% तक कम हो जाता है।

नीमच। नीमच जिले के मोरवन क्षेत्र में 350 करोड़ रुपये की लागत से बन रही प्रस्तावित टेक्सटाइल फैक्ट्री को लेकर ग्रामीणों का विरोध आज हिंसक हो गया। गुरुवार सुबह जहां सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं "फैक्ट्री हटाओ–बांध बचाओ" के नारे लगाते हुए शांतिपूर्ण मार्च कर रही थीं, वहीं दोपहर तक हालात बेकाबू हो गए और प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गुस्साई भीड़ ने कंपनी के इंजीनियर और कर्मचारियों पर पथराव कर दिया। इस दौरान कंपनी के सिविल इंजीनियर विपिन मिश्रा को गंभीर सिर की चोटें आईं, जबकि कंपनी मैनेजर योगेंद्र सोलंकी के गले और शरीर पर चोटें आई हैं। सूत्रों के मुताबिक, करीब 15 मजदूर भी घायल हुए हैं, जिन्हें जावद, सरवानिया और डीकेन के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने मौके पर मौजूद कंपनी के वाहनों के शीशे फोड़ दिए और कई वाहनों में तोड़फोड़ की। देखते ही देखते फैक्ट्री परिसर के आसपास का इलाका तनावग्रस्त हो गया। पुलिस को हालात पर काबू पाने के लिए भारी बल तैनात करना पड़ा।
प्रशासन का कहना है कि स्थिति को नियंत्रण में लेने के प्रयास जारी हैं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि मोरवन क्षेत्र में बन रही यह 350 करोड़ की सुविधा रेयॉन्स टेक्सटाइल फैक्ट्री लंबे समय से विवादों में घिरी हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि फैक्ट्री बनने से स्थानीय बांध और जलस्रोत प्रभावित होंगे, जबकि प्रशासन का कहना है कि यह परियोजना स्थानीय रोजगार और औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। फिलहाल इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच माहौल तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बताया जा रहा है।
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बागेश्वर बाबा की हिंदू राष्ट्र यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट में PIL: दलित-पिछड़ा संगठन ने लगाई रोक की मांग
छतरपुर। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की दिल्ली से वृंदावन तक प्रस्तावित ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ पर दलित-पिछड़ा समाज संगठन ने कड़ा एतराज जताया है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दामोदर सिंह यादव ने इस यात्रा को हिंदू राष्ट्र बनाने की साजिश करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) दाखिल करने का ऐलान किया है। उन्होंने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) से स्वतः संज्ञान लेने की भी अपील की है।
दामोदर सिंह यादव ने कहा, “धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान कर रहे हैं। यह देश हर धर्म और संप्रदाय का है, लेकिन वे धार्मिक उन्माद फैला रहे हैं। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद बाबाओं ने राजनीति का शौक पाल लिया है। हम आज सुप्रीम कोर्ट में PIL दाखिल कर रहे हैं और यात्रा पर रोक लगाने की मांग करेंगे।”यादव ने आरोप लगाया कि शास्त्री की यात्रा संविधान और सामाजिक सौहार्द के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “यह यात्रा समाज में नफरत फैलाने का प्रयास है। हम 2 से 6 नवंबर तक मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शन, पुतला दहन और ज्ञापन सौंपेंगे।
गौरतलब है कि धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा कल 7 नवंबर से शुरू होकर 16 नवंबर तक चलेगी। यह दिल्ली के कात्यायनी माता मंदिर से शुरू होकर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर तक जाएगी। यात्रा का उद्देश्य हिंदू एकता और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का संदेश देना बताया जा रहा है।
पदयात्रा में दीदी मां ऋतंभरा, चिदानंद मुनि जी ऋषिकेश, स्वामी ज्ञानानंद महाराज गीता मनीषी, रमणरेती वाले महाराज, प्रख्यात कथा वाचक सुधांशु जी महाराज, बालक योगेश्वर दास महाराज बद्रीनाथ, माधव दास महाराज मोनी बाबा, राजू दास महाराज हनुमान गढ़ी, मृदुल कांत शास्त्री वृंदावन, आरके पांडे जी बलदेव मंदिर, अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पं. संजीव कृष्ण ठाकुर, तन्मय वशिष्ठ गंगासभा तीर्थ पुरोहित, दिल्ली संत मंडल महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज के अलावा दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, सांसद मनोज तिवारी, मंत्री कपिल मिश्रा सहित दिल्ली से 50 संत महात्माओं की गरिमामय उपस्थिति रहेगी।
बागेश्वर महाराज ने कहा कि यह पहला अवसर है जब उनकी यात्रा का समर्थन इस्लाम धर्म के लोगों ने किया है। फैज खान के नेतृत्व में तीन सैकड़ा से अधिक मुस्लिम समाज के लोग यात्रा में चलेंगे। विगत दिनों दिल्ली में मुस्लिम समाज के लोगों के साथ महाराज श्री ने बैठक की थी जिसमें समाज के सभी लोगों ने महाराज श्री की यात्रा का समर्थन करते हुए साथ चलने का भरोसा दिया था। मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है कि सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के माध्यम से लोगों को जोड़ने का काम किया जा रहा है इसलिए वे यात्रा में साथ चलेंगे।
बागेश्वर महाराज ने सभी पदयात्रियों से आग्रह किया है कि वह यात्रा में मर्यादा के साथ शामिल हो। किसी जाति, पंथ, संप्रदाय विशेष पर कोई टिप्पणी न की जाए। अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग पूरी तरह से वर्जित रहेगा, शांति के साथ यात्रा में चले, भगदड़ न मचाएं। प्रशासन से भी आग्रह किया गया है की विशेष स्थान पर विशेष सुरक्षा की जाए। अन्य धर्मावलंबियों के आस्था के केंद्रों की विशेष सुरक्षा हो ताकि कोई साजिश न कर सके।
बागेश्वर महाराज ने कहा कि दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की 422 ग्राम पंचायतों के अलावा नगरों, कस्बों सहित करीब 5 करोड़ की आबादी तक यात्रा का संदेश पहुंचाने का प्रयास होगा। महाराज श्री ने कहा कि जहां महिलाएं विश्राम करेंगी वहां सीसीटीवी कैमरा से निगरानी रखी जाएगी, उनके लिए अलग व्यवस्था की गई है, निजता का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
वे सात संकल्प जिनके लिए शुरू हो रही यात्रा
यमुना माता का शुद्धिकरण हो
भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो।
गौ माता राष्ट्र माता घोषित हो।
श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर भव्य और दिव्य बने।
ब्रज परिक्षेत्र को पूर्व का स्वरूप प्राप्त हो, क्षेत्र में मास मदिरा प्रतिबंधित हो।
अवैध धर्मांतरण एवं लव जिहाद पर लगाम लगे।
जात-पात, ऊंच नीच का भेदभाव खत्म होकर सामाजिक समरसता हो।
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ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में मिलावटी प्रसाद पर कार्रवाईः 2.53 लाख का मावा पेड़ा व मिल्क केक जब्त, दुकान सील
ओंकारेश्वर। पवित्र तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में प्रसाद के नाम पर मिलावटी मिठाई बेचने वालों पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। जिला कलेक्टर ऋषव गुप्ता के निर्देश पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सोमवार को मंदिर प्रांगण स्थित दुकानों पर छापा मारते हुए लगभग 2.53 लाख मूल्य की संदिग्ध मिठाई जप्त की और एक दुकान को सील कर दिया।
जानकारी के अनुसार, “ओंकार पेड़ा भंडार” नामक दुकान क्रमांक-2, विक्रेता समाधान पिता दत्तात्रय धस तथा मालिक नायनेश्वर पिता आत्माराम मोहिते द्वारा महाराष्ट्र से लाई गई मिल्क केक और मावा पेड़ा जैसी प्रसादी सामग्री बिना अनुज्ञप्ति के बेची जा रही थी। प्राप्त शिकायतों के आधार पर खाद्य विभाग ने जांच की तो मिठाई में मिलावट की पुष्टि हुई। खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजीव कुमार मिश्रा ने बताया कि छापेमारी के दौरान दुकान से 300 किलोग्राम मावा पेड़ा (कीमत 1,20,000) और 334.50 किलोग्राम मिल्क केक (कीमत 1,33,800) सहित कुल 2,53,800 मूल्य की मिठाई जप्त की गई।
सैंपल जांच हेतु लैब भेजे गए हैं, और रिपोर्ट आने तक दुकान को सील कर दिया गया है। साथ ही यह भी पाया गया कि दुकान बिना वैध लाइसेंस के संचालित की जा रही थी। इस कार्रवाई में एसडीएम पंकज वर्मा, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजीव मिश्रा, खाद्य अधिकारी राधेश्याम गोले, नायब तहसीलदार उदय मंडलोई और लैब केमिस्ट विनय साकेत शामिल रहे। टीम ने मौके पर ही दुकानदार को आगामी आदेश तक दुकान बंद रखने के निर्देश दिए।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे केवल अनुज्ञप्ति प्राप्त दुकानों से ही प्रसाद सामग्री खरीदें और किसी भी प्रकार की मिलावट या संदिग्ध खाद्य सामग्री की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें। ओंकारेश्वर जैसे पवित्र तीर्थ में मिलावटी प्रसाद की बिक्री न केवल श्रद्धा के साथ छल है, बल्कि जनस्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा है। प्रशासन की यह सख्त कार्रवाई निश्चित रूप से ऐसे तत्वों के लिए चेतावनी है जो श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं।

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गरिमा के जन्म के 15 मिनिट बाद का फोटो
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गरिमा के 1 वर्ष बाद का फोटो
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गरिमा के 2 वर्ष बाद का फोटो
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बीमार होने के बाद भोपाल अस्पताल मे भर्ती गरिमा
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हाई कोर्ट के आदेश के बाद गरिमा के शव को जमीन से निकालते हुऐ
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निकालने के बाद गरिमा के शव को पैक कर जॉच के लिऐ भेजा गया
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दोषी डॉक्टर के खिलाफ मामला कायम कराने के लिऐ पुलिस अधिक्षक से मिले पत्रकार
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गरिमा के शव की जॉच होने के बाद पुनः उसी स्थान पर चबूतरा का निर्माण किया गया
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पूजा स्थल मे गरिमा
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