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रतलाम। जिले के बासिंद्रा गांव में बुधवार को प्रशासनिक टीम पर हमला हो गया। SIR सर्वे के लिए पहुंचे नायब तहसीलदार और BLO पर अचानक तीन युवकों ने हमला कर दिया। पथराव में दोनों अधिकारी घायल हो गए और जान बचाने के लिए मौके से भागना पड़ा।
बता दें कि, प्रशासनिक टीम निर्वाचन कार्य से जुड़ी जानकारी लेने रावटी थाना क्षेत्र के आधारशिला गांव के पास नहर पुलिया पर पहुंची थी। नायब तहसीलदार रामकलेश साकेत के साथ पटवारी बाबूलाल मुनिया, BLO विक्रम सिंह राठौड़ और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी मौजूद थे। इसी दौरान बाइक सवार तीन युवक वहां पहुंचे। बताया जा रहा है कि वे नशे में थे और आते ही गाली-गलौज करने लगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि “सड़क पर क्यों खड़े हो” और अचानक पथराव शुरू कर दिया।
हमले के दौरान नायब तहसीलदार और BLO को पत्थर लगे, जिससे वे घायल हो गए। टीम के बाकी सदस्य भी डरकर इधर-उधर भागे। बाद में सभी ने सुरक्षित स्थान पर जाकर घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी। घायलों को तुरंत रतलाम मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया जहां उनका इलाज जारी है।
सैलाना SDM तरुण जैन ने बताया कि नायब तहसीलदार निर्वाचन कार्य के निरीक्षण पर थे। तभी तीन बदमाशों ने बिना किसी कारण के हमला कर दिया। घटना गंभीर है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। पीड़ित अधिकारियों की शिकायत पर हमलावरों के खिलाफ FIR दर्ज की जा रही है।
SIR यानी यह निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत मतदाता सूची से जुड़े दस्तावेजों और व्यवस्थाओं की जांच का काम है।

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इंदौर में विदेशी ड्रग सप्लायर का भंडाफोड़,अफ्रीका की लिंडा 15.50 लाख की कोकीन के साथ गिरफ्तार
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर की रेसिडेंसी एरिया में मंगलवार शाम सनसनी फैल गई जब नारकोटिक्स टीम ने एक विदेशी महिला कोकीन सप्लायर को रंगे हाथों पकड़ लिया। वेस्ट अफ्रीका की रहने वाली 25 साल की लिंडा ओडियो को पुलिस ने 31.85 ग्राम कोकीन के साथ धर दबोचा। बरामद माल की कीमत 15 लाख 50 हजार रुपये बताई जा रही है। जिस इलाके में लोग रोज़ शाम ढलते ही घूमने निकलते हैं, उसी साईं मंदिर के पीछे पानी की टंकी के पास यह विदेशी युवती कोकीन की सप्लाई करने पहुंची थी। मुखबिर की सूचना के बाद नारकोटिक विभाग की टीम ने घेराबंदी कर इसे पकड़ लिया।
DIG नारकोटिक्स महेश चंद्र जैन ने बताया कि जांच में सामने आया कि लिंडा ओडियो नालासोपारा, मुंबई में रहती थी और 2024–2025 में जारी हुए स्टूडेंट वीज़ा पर भारत आई थी। पढ़ाई के नाम पर वीज़ा लिया और यहां आकर कोकीन सप्लाई का धंधा शुरू कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है कि विदेशी वीज़ा पर आने वाले युवक-युवतियां ड्रग रैकेट से जुड़ते पकड़े गए हों। लेकिन इस केस ने इंदौर में ड्रग नेटवर्क की नई परत खोल दी है— आखिर इसे ड्रग लेने कौन बुला रहा था? इसके पीछे कौन सा गिरोह काम कर रहा है। नारकोटिक विभाग अब इस कड़ी को पकड़ने की कोशिश कर रहा है कि इस विदेशी सप्लायर को कोकीन किसे देनी थी और इसका नेटवर्क कितने शहरों तक फैला हुआ है।
एप्पल मोबाइल भेजा फॉरेंसिक में- ड्रग नेटवर्क के सुराग निकलने की उम्मीद
लिंडा के पास से एक एप्पल मोबाइल भी जब्त किया गया है फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि फोन से कई बड़े कांटेक्ट्स, चैट और पेमेंट ट्रेल सामने आ सकते हैं जो इस रैकेट की असली कहानी बताएंगे।
कार्रवाई शाम 17:30 से 19:50 के बीच की गई और FIR 22:26 बजे दर्ज हुई। इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व निरीक्षक राधा जामोद ने किया। टीम में निरीक्षक हरीश सोलंकी, उपनिरीक्षक सीमा मिमरोट, आरक्षक ओमप्रकाश राठौर, प्रदीप पाल, रजनीश पांडे, रवि कदम, और महिला आरक्षक स्मिता राठौर, नेहा तिवारी शामिल थे।
आज लिंडा को कोर्ट में पेश किया जाएगा जहां पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी, ताकि उससे पूछताछ की जा सके कि—वह इंदौर में किसे ड्रग्स देने आई थी? यह माल कहां से आता था? नालासोपारा में बैठे कौन से लोग इसे ऑपरेट कर रहे थे? , नारकोटिक विभाग का कहना है कि यह गिरफ्तारी सिर्फ शुरुआत है, इस ड्रग रैकेट की जड़ें अब और गहरी जांच में सामने आएंगी।
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बैंक घोटाले के आरोपी श्रीकांत भासी की 51 करोड़ की संपत्ति कुर्क, SBI से की थी 1266 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
भोपाल। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंक धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में कड़ा एक्शन लिया है। ED की भोपाल जोनल यूनिट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से 1266 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी करने के आरोपी श्रीकांत भासी की दुबई स्थित अचल संपत्ति कुर्क कर ली है। इस संपत्ति की अनुमानित कीमत करीब 51 करोड़ रुपये है।
ED के अनुसार, श्रीकांत भासी कंपनी एडवांटेज ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड (AOPL) के निदेशक हैं। इस कंपनी पर आरोप है कि उसने SBI के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से भारी मात्रा में लोन लिया और बाद में उसका दुरुपयोग किया। लोन की राशि को विदेश भेजकर मनी लॉन्ड्रिंग की गई। ED ने PMLA (Prevention of Money Laundering Act) की धारा 5 के तहत प्रॉपर्टी अटैचमेंट का यह आदेश जारी किया है। कुर्क की गई संपत्ति दुबई में स्थित फ्लैट्स और कमर्शियल स्पेस हैं। ED ने इस कार्रवाई की जानकारी अदालत को भी दे दी है।
इससे पहले भी श्रीकांत भासी पर CBI और ED की अलग-अलग जांच चल रही है। ED का कहना है कि जांच में और भी संपत्तियां सामने आ सकती हैं।

उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक शादी में उस वक्त हंगामा मच गया जब दूल्हे की पहली पत्नी मंडप में पहुंच गई। मंडप में पत्नी को पुलिस के साथ देख दूल्हा मंडप छोड़कर भाग गया। शादी के मंडप में पहुंची पहली पत्नी और पुलिस ने जब दूसरी दुल्हन बनने जा रही युवती के परिजन को पूरी बात बताई तो वो भी हैरान रह गए। पुलिस ने पहली पत्नी की शिकायत पर शादी को रुकवा दिया है और फरार दूल्हे की तलाश में जुट गई है।
सोमवार रात को जीवाजीगंज थाने में एक महिला पहुंची जिसने अपना नाम रीता (बदला हुआ नाम) बताते हुए शिकायत दर्ज कराई की उसका पति अजय बंजारा दूसरी शादी कर रहा है। जबकि उसने अभी तक उसे तलाक नहीं दिया है। रीता के मुताबिक शादी सोमवार रात को ही मंगलनाथ रोड स्थित शुभ-लाभ गार्डन में हो रही थी इसलिए पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत रीता के साथ मैरिज गार्डन पहुंची। मैरिज गार्डन में पहली पत्नी रीता को पुलिस के साथ देख आता देख दूल्हा बना पति अजय बंजारा मंडप से भाग गया।
रीता (बदला हुआ नाम) का कहना है कि अजय के साथ उसके संबंध बीते कुछ समय से ठीक नहीं चल रहे थे। वो अपने संबंध सुधारने की कोशिश कर रही थी और परिवार के लोगों में भी बातचीत चल रही है। इसी बीच अजय चोरी-छिपे उज्जैन की रहने वाली युवती के साथ दूसरी तैयारी कर रहा था। पुलिस का कहना है कि अजय बंजारा दूसरी शादी कर रहा था। पहली पत्नी की शिकायत के बाद शुभ-लाभ मैरिज गार्डन और कुमावत धर्मशाला में हो रही शादी को रुकवा दिया गया है।
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1984 सिख विरोधी दंगों के दौरान मौके पर मौजूद थे कमलनाथ; दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और पुलिस से मांगा जवाब
साल 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। यह नोटिस दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की उस अर्जी पर जारी हुआ है, जिसमें उन्होंने एक पुलिस अधिकारी की पुरानी रिपोर्ट को अदालत में पेश करने की मांग की है। अदालत ने संबंधित पक्षों को मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए निर्देश दिए हैं।
दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली हाईकोर्ट में दायर अर्जी में दावा किया है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में हुई हिंसा की जगह पर कमलनाथ मौजूद थे और यह तथ्य उस समय के पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है। सिरसा ने कोर्ट से अनुरोध किया कि उस समय के एडिशनल पुलिस कमिश्नर गौतम कौल द्वारा तत्कालीन पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई रिपोर्ट को मामले के रिकॉर्ड में शामिल किया जाए।
दिल्ली हाईकोर्ट में 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस रविंदर डुडेजा ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए 15 जनवरी 2026 तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले में मनजिंदर सिंह सिरसा की ओर से वरिष्ठ वकील एच.एस. फुल्का ने अदालत को बताया कि गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब हिंसा के दौरान कमलनाथ की मौजूदगी को लेकर पुलिस रिकॉर्ड में प्रविष्टियां मौजूद हैं और उस समय कई अखबारों में इस संबंध में रिपोर्टें भी प्रकाशित हुई थीं। फुल्का ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से दायर स्टेटस रिपोर्ट में इन महत्वपूर्ण तथ्यों को शामिल नहीं किया गया है, जबकि यह रिकॉर्ड मामले के निष्पक्ष मूल्यांकन के लिए जरूरी है।
1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर 15 जनवरी 2026 तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। यह नोटिस दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की उस अर्जी पर जारी हुआ है, जिसमें उन्होंने एक पुलिस अधिकारी की पुरानी रिपोर्ट को अदालत के रिकॉर्ड में शामिल करने की मांग की है। सिरसा की यह अर्जी साल 2022 में दायर उनकी मुख्य याचिका का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने 1984 दंगों में कथित भूमिका को लेकर कांग्रेस नेता कमलनाथ को बिना देरी गिरफ्तार करने की मांग की थी। इससे पहले 27 जनवरी 2022 को हाईकोर्ट SIT को इस याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दे चुका है।
यह मामला संसद मार्ग थाने में दर्ज FIR नंबर 601/84 से जुड़ा है। इस FIR में पाँच लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनके बारे में आरोप है कि दंगों के समय वे कमलनाथ के घर में ठहरे हुए थे। हालांकि, सबूतों के अभाव में सभी आरोपी बरी कर दिए गए। उल्लेखनीय है कि FIR में कभी भी कमलनाथ का नाम शामिल नहीं किया गया था।
याचिका में दावा किया गया है कि 1 नवंबर 1984 को गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब के बाहर दंगाइयों की भीड़ ने हमला किया था, जिसमें दो सिखों—इंद्रजीत सिंह और मनमोहन सिंह—को कथित रूप से जिंदा जला दिया गया। सिरसा का कहना है कि घटना के दौरान कमलनाथ मौजूद थे और यह बात पुलिस रिकॉर्ड तथा कई समकालीन अखबारों की रिपोर्ट में दर्ज है। लेकिन सरकार की स्टेटस रिपोर्ट में इन तथ्यों को शामिल नहीं किया गया।
सितंबर 2019 में SIT ने सिख विरोधी दंगों से जुड़े सात ऐसे मामलों को दोबारा खोलने का निर्णय लिया था, जिनमें आरोपी या तो बरी हो चुके थे या ट्रायल बंद हो गया था। इसके बाद सिरसा ने दावा किया कि कमलनाथ ने उन पाँच आरोपियों को पनाह दी थी, जो इन मामलों में शामिल थे। सिरसा के अनुसार, अब जब SIT इस केस की भी दोबारा जांच करेगी, तो दो गवाह SIT के सामने कमलनाथ की कथित भूमिका के बारे में बयान देंगे।
सिरसा की ओर से वरिष्ठ वकील एच.एस. फुल्का ने अदालत में कहा कि उस वक्त के एडिशनल पुलिस कमिश्नर गौतम कौल की रिपोर्ट, जो तत्कालीन पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई थी, मामले के रिकॉर्ड का हिस्सा बनाई जानी चाहिए क्योंकि उसमें घटनाओं का महत्वपूर्ण विवरण मौजूद है।
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कांग्रेस नेता पर लाठी-डंडों और बंदूक के बट से किया जानलेवा हमला, गंभीर हालत में ICU में भर्ती
ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पूर्व कांग्रेस पार्षद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पर जानलेवा हमले का मामला सामने आया है। जहां कांग्रेस नेता लगुन फलदान के कार्यक्रम से देर रात घर लोटे थे तभी घर के बाहर पांच बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई हैं। जिसमें बदमाश कांग्रेस नेता के गाड़ी रोकते ही उन पर लात घुसो, लाठी डंडा और बंदूक के बाटो से हमला कर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं पुलिस घायल फरियादी को अस्पताल में भर्ती करने के बाद उनकी शिकायत पर मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।
दरअसल ग्वालियर के थाटीपुर थाना क्षेत्र मेला ग्राउंड न्यू विवेक विहार कॉलोनी में रहने वाले सत्येंद्र सिंह कुशवाहा कांग्रेस के पूर्व पार्षद भी रह चुके हैं। कांग्रेस नेता सत्येंद्र लगुन फलदान के कार्यक्रम से कल देर रात अपने घर के बाहर आकर रुके हुए थे कि तभी 5 बदमाशों ने उनकी गाड़ी से उतरते ही उनके ऊपर लात घुसो,लाठी डंडों और बंदूक के बाटो से हमला कर दिया मारपीट के दौरान सत्येंद्र की आवाज सुनकर उनकी पत्नी और गली के कुछ लोग बाहर आए तो बदमाश उनके साथ मारपीट कर मौके से भाग गए। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और घायल सतेंद्र को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां उनका इलाज अभी चल रहा है।
घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है जिसमें 5 बदमाश आते और सतेंद्र की गाड़ी से उतरते ही उनके साथ मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं। घायल कांग्रेस नेता सत्येंद्र ने बताया कि उन्होंने मारपीट करने वाले दो लोगों को पहचान लिया था जिसमें रामेंद्र सिंह और सेलू राजावत थे जिसने उनका कोई विवाद नही हैं। लेकिन सत्यम रमन से जरूर उनका विवाद चल रहा हैं। सायद हो सकता हैं। की इसी बजह से उन्होंने हमला किया हो क्योंकि सेलू ने दो दिन पहले फ़ोन पर उन्हें धमकी भी दी थी और कल रात यह हमला हो गया। फिलहाल पुलिस ने घायल कांग्रेस नेता सतेंद्र सिंह कुशवाहा की शिकायत पर मामले की जांच पड़ताल कर कार्रवाई शुरू कर दी हैं।

कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई को लेकर NIA भारत पहुंच चुकी है. मिली जानकारी के अनुसार, अनमोल बिश्नोई को सीधे पटियाला हाईकोर्ट ले जाया जाएगा. दिल्ली एयरपोर्ट ने NIA ने अनमोल को कस्टडी में ले लिया है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई और करीबी सहयोगी अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किए जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया है.
अमेरिका में रहने वाला अनमोल बिश्नोई 2022 से फरार था. जेल में बंद अपने भाई लॉरेंस बिश्नोई के नेतृत्व वाले आतंकी सिंडिकेट में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार होने वाला 19वां ​​आरोपी है. मामले की जांच में यह स्थापित होने के बाद कि उसने 2020-2023 की अवधि के दौरान देश में विभिन्न आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने में नामित आतंकवादियों गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई की सक्रिय रूप से सहायता की थी. NIA ने अनमोल के खिलाफ मार्च 2023 में आरोपपत्र दाखिल किया था.
अनमोल बिश्नोई अमहदाबाद के साबरमती सेंट्रल जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई है. अनमोल पर मुंबई के बांद्रा इलाके में एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दिकी की हत्या का आरोप है. इसके अलावा अन्य आपराधिक मामलों में भी अनमोल वांटेड है.
अनमोल बिश्नोई पर पहले भी कई आपराधिक मामलों में शामिल होने के आरोप हैं जिसमें एक्टर सलमान खान के घर पर हमला करना, पंजाब के मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश रचने का आरोप और मुंबई के जाने-माने राजनेता बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में भी अनमोल बिश्नोई पर साजिश रचने के आरोप हैं.
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बड़ा ऑपरेशन : 7 नक्सली ढेर, टॉप लीडर देवजी के मारे जाने की सूचना, 50 माओवादी गिरफ्तार
छत्तीसगढ़–आंध्रप्रदेश की सीमा पर चल रहे संयुक्त अभियान में सुरक्षा बलों ने 7 नक्सलियों को मार गिराया, जिनमें तीन महिला नक्सली भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस मुठभेड़ में शीर्ष नक्सली नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य देवजी के भी मारे जाने की सूचना मिली है।
मौके से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। चार नक्सलियों की पहचान हो चुकी है, जबकि शेष तीन की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
18 नवंबर को इसी इलाके में सुरक्षा बलों ने कुख्यात नक्सली सरगना हिड़मा को उसकी पत्नी सहित छह नक्सलियों के साथ मार गिराया था। लगातार मिल रहे इनपुट से पता चला कि क्षेत्र में कुछ वरिष्ठ नेता अब भी छिपे हैं।
आज सुबह जब सुरक्षा बल आगे बढ़े, तो घने जंगल में नक्सलियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सात नक्सली मारे गए, जिससे यह ऑपरेशन अब तक की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
यह मुठभेड़ आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मारेदुमिली जंगलों में हुई। सुरक्षा बलों द्वारा इलाके के संवेदनशील हिस्सों को चारों ओर से घेरकर व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है ताकि बचे हुए नक्सली किसी भी दिशा में भाग न सकें।
आंध्र पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 50 माओवादी गिरफ्तार
एक अन्य कार्रवाई में आंध्र प्रदेश पुलिस ने कृष्णा, एलुरु, एनटीआर विजयवाड़ा, काकीनाडा और कोनसीमा जिलों से 50 CPI (माओवादी) कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।
एडीजी इंटेलिजेंस महेश चंद्र लड्डा के अनुसार-
3 राज्य समिति सदस्य
5 डिवीजनल कमेटी सदस्य (DCM)
17 एरिया कमेटी सदस्य
बाकी सक्रिय पार्टी सदस्य
इन सभी का उद्देश्य क्षेत्र में माओवाद को पुनर्जीवित करना था। सटीक इनपुट के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई कर इन्हें गिरफ्तार किया।

सिवनी। हवाला के 2.96 करोड़ रुपये की डकैती मामले में जबलपुर के SIT ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एसडीओपी पूजा पांडे के बैच मेट तथा हॉक फोर्स बालाघाट में पदस्थ एसडीओपी (डीएसपी) पंकज समेंत चारों आरोपितों को न्यायालय ने पूछताछ के लिए दो दिनों की पुलिस रिमांड दी है। पुलिस रिमांड में आरोपितों से एसआईटी पूछताछ कर मामले में आगे की जांच करेगी।
सिवनी। हवाला के 2.96 करोड़ रुपये की डकैती मामले में जबलपुर के विशेष जांच दल (SIT) ने 18 नवंबर मंलगवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एसडीओपी पूजा पांडे के बैच मेट तथा हाक फोर्स बालाघाट में पदस्थ एसडीओपी (डीएसपी) पंकज, जबलपुर क्राइम ब्रांच आरक्षक प्रमोद सोनी के अलावा दो अन्य व्यक्तियों पंजू गिरी गोस्वामी कटनी, वीरेन्द्र दीक्षित जबलपुर को गिरफ्तार कर सिवनी न्यायालय में पेश किया है।
चारों आरोपितों को न्यायालय ने पूछताछ के लिए दो दिनों की पुलिस रिमांड दी है। दो दिनों की पुलिस रिमांड में आरोपितों से एसआईटी पूछताछ कर मामले में आगे की जांच करेगी। जानकारी के अनुसार गिरफ्तार वीरेन्द्र दीक्षित जेल में कैद एसडीओपी पूजा पांडे का बहनोई (जीजा) है। जबकि पंजू गिरी गोस्वामी कटनी निवासी बताया जा रहा है, जिसने इस लूट की घटना में हवाला रुपयों के परिवहन होने की सूचना संबंधितों तक पहुंचाई थी।
प्रकरण में जांच कर रहे जबलपुर क्राइम ब्रांच एएसपी व एसआइटी प्रभारी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में हॉक फोर्स बालाघाट में पदस्थ एसडीओपी (डीएसपी) पंकज मिश्रा, जबलपुर क्राइम ब्रांच के आरक्षक प्रमोद सोनी के अलावा पंजू गिरी गोस्वामी कटनी, वीरेन्द्र दीक्षित जबलपुर शामिल हैं। दो दिनों की रिमांड में चारों आरोपितों से पूछताछ कर एसआईटी प्रकरण में विस्तृत जांच कर रही है। हवाला प्रकरण में बालाघाट हाकफोर्स एसडीओपी समेत चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद प्रकरण में आरोपितों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है।
इस प्रकरण में पहले से गिरफ्तार एसडीओपी पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैरम सहित अन्य 9 पुलिस कर्मियों की न्यायिक हिरासत 26 नवंबर तक न्यायालय ने बढ़ा दी है। एसडीओपी पूजा पांडे व उसके ड्रायवर रितेश वर्मा ने हाईकोई में जमानत याचिका लगाई है। जानकारी के अनुसार एसडीओपी पूजा पांडे सेंट्रल जेल रीवा तथा शेष 10 पुलिस कर्मी नरसिंहपुर सेंट्रल जेल में बंद है। जेल में बंद 10 पुलिस कर्मियों की न्यायिक रिमांड में न्यायालय ने सभी 11 पुलिस कर्मियों को 14 दिनों की न्यायिक रिमांड में जेल भेजा था।

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भोपाल में 800 वर्गफीट के मकान में 108 मतदाता, कांग्रेस ने लगाया गंभीर आरोप, अधिकारी बोले- जांच जारी
भोपाल नरेला विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। लगभग 800 वर्गफीट के एक मकान में 108 मतदाताओं के नाम दर्ज पाए गए, जबकि मौके पर केवल चार लोग ही रहते मिले। कांग्रेस ने इसे मतदाता सूची में गंभीर गड़बड़ी बताया है।
भोपाल के नरेला विधानसभा में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। रतन कॉलोनी में 800 वर्गफीट के एक छोटे से मकान में 108 मतदाताओं के नाम दर्ज पाए गए। मौके पर पहुंचे कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला ने इसे वोट चोरी की सुनियोजित कोशिश बताते हुए भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। BLO धनिशा कुशवाहा ने मौके पर स्वीकार किया कि घर में सिर्फ 4 लोग रहते हैं और 108 नाम दर्ज होना गलत है। इधर, मामले पर कार्रवाई की बात करते हुए SDM एवं SIR अधिकारी भुवन गुप्ता ने कहा कि शिकायत मिलते ही तहसीलदार को तत्काल जांच के निर्देश दे दिए गए हैं।
कांग्रेस का आरोप है कि अल्पसंख्यक इलाकों में मतदाताओं को दो की जगह केवल एक सर्वे फॉर्म दिया जा रहा है। बूथ क्रमांक 15 की BLO अंजू मंडराई BJP कार्यालय के पास बैठकर फॉर्म बांटती मिलीं, जिस पर कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया। मनोज शुक्ला का दावा है कि अल्पसंख्यक मतदाताओं के नाम जानबूझकर सूची से हटाए जा रहे हैं, यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया से खिलवाड़ है।
मनोज शुक्ला ने जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह को लिखित शिकायत देकर पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। कांग्रेस ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से भी टीम भेजकर जांच करवाने की मांग की है।
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नौकरी से गायब रहना पड़ा भारी, अधिकारियों ने दो पुलिस आरक्षकों को सेवाएं समाप्त की
2017 में भर्ती हुए दो आरक्षक बुनियादी प्रशिक्षण से गायब रहे, उसके बाद 2019 में उन्हें नोटिस दिए गए लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, इसे देखते हुए अब विभाग ने दोनों की सेवाएं समाप्त कर दी।
पुलिस में नौकरी करना कई युवाओं का सपना होता है इसकेलिए वो कई कई महीने पसीना बहाते हैं, फिजिकल टेस्ट पास करने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं लेकिन कुछ युवा ऐसे होते हैं जो नौकरी मिल जाने के बाद इसकी कद्र नहीं करते, ऐसे ही दो आरक्षकों की सेवाएं वरिष्ठ अफसरों ने समाप्त कर दी है।
2017 में पुलिस विभाग में नव आरक्षकों की भर्ती की गई थी उस दौरान इंदौर पुलिस में भर्ती हुए आरक्षकों को नियमानुसार बुनियादी प्रशिक्षण दिया गया फिर उन्हें नियमित सेवा में पदस्थ किया गया लेकिन इन्हीं आरक्षकों में से दो आरक्षक बुनियादी प्रशिक्षण से भी गायब रहे और नौकरी से भी गायब रहे अब इनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया गया है।
पुलिस प्रवक्ता राजेश दंडोतिया ने जानकारी देते हुए बताया कि 2017 में नव आरक्षकों की भर्ती में दो आरक्षक सुधीर और दिलीप की भर्ती की गई थी, भर्ती हो जाने के बाद बुनियादी प्रशिक्षण में यह दोनों गैर हाजिर रहे, बीच बीच में भी ये करीब 12 से अधिक बार दोनों गैरहाजिर रहे।
बिना सूचना लगातार गायब रहने के कारण 2019 में विभाग ने दोनों आरक्षकों को नोटिस भेजे लेकिन उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया, डीसीपी हेडक्वार्टर द्वारा पूरी जांच में कर्तव्य से गैर हाजिर रहने का मामला सामने आया जिसका ये निशार्ष निकाला गया कि दोनों आरक्षक इस पद के लायक नहीं है, इसलिए अनुशासनहीनता और कर्तव्य से गैर हाजिर रहने पर दोनों आरक्षकों को सेवा से पृथक कर दिया।

जबलपुर। दमोह के जिला अस्पताल में मंगलवार सुबह एक अनोखा और भावनात्मक क्षण सामने आया, जब 27 वर्षीय रेवती विश्वकर्मा ने तीन प्रीमेच्योर शिशुओं (दो बेटियों और एक बेटे) को जन्म दिया। तीनों नवजातों का वजन करीब डेढ़-डेढ़ किलो है, जिस वजह से उन्हें अस्पताल के एनएनसीयू वार्ड में रखा गया है। विशेषज्ञ डॉक्टर लगातार उनकी निगरानी कर रहे हैं। तीन में से दो शिशुओं को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है, जबकि एक की स्थिति सामान्य है। परिवार इस खुशखबरी से बेहद उत्साहित है।
तेंदूखेड़ा ब्लॉक के हर्रई तेजगढ़ निवासी रेवती को मंगलवार तड़के चार बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। पहले उन्हें तेजगढ़ उपस्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन हालत नाजुक होने पर जिला अस्पताल रेफर किया गया। यहां सुबह 8:30 बजे सामान्य प्रसव से तीनों शिशुओं का जन्म हुआ।
रेवती की पहले से दो बेटियां—चार साल की मासूम और दो साल की मुस्कान—हैं। प्रसूता के चाचा ससुर धन कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि सोनोग्राफी में पहले ही ट्रिपलेट्स का पता चल गया था, इसलिए वे सतर्क थे और समय रहते अस्पताल पहुंच गए। डॉक्टरों की देखरेख में प्रसव सुरक्षित रूप से कराया गया।
जिला अस्पताल के डॉक्टर जलज बजाज के अनुसार, मां और तीनों बच्चे सुरक्षित हैं, लेकिन सभी शिशु प्रीमेच्योर हैं, इसलिए अगले कुछ दिनों तक उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखी जाएगी। यदि वे दो–तीन दिनों में अच्छी तरह फीडिंग करने लगते हैं और किसी तरह का संक्रमण नहीं होता है, तो परिवार को जल्द ही उन्हें घर ले जाने की अनुमति मिल सकती है।
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ममलेश्वर लोक प्रोजेक्ट निरस्त: ओंकारेश्वर में लोगों के विरोध के आगे झुका प्रशासन
खंडवा। ओंकारेश्वर के मामले ब्रह्मपुरी में प्रस्तावित ममलेश्वर महलोक के लिए प्रस्तावित जगह को लेकर लोगों में व्यापक आक्रोश और ओंकारेश्वर बंद के आगे प्रशासन को घुटने टेकने पड़े।
प्रभावित लोगों द्वारा तीन दिन ओंकारेश्वर बंद रखने से श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी को देखते हुए मंगलवार को अफ़हीकतियों ने ओंकारेश्वर पहुंचकर आंदोलनकारियो और प्रभावितों से चर्चा की।
अपर कलेक्टर काशीराम बड़ोले ने प्रदर्शनकारियों से ममलेश्वर लोक के स्थान पर पुनर्विचार का आश्वासन दिया लेकिन प्रभावित लिखित में देने की मांग पर अड़ गए।
अंततः जिला प्रशासन की ओर से ममलेश्वर लोक के लिए प्रस्तावित ब्रह्मपुरी की बजाए अन्य स्थान पर आम लोगों से चर्चा कर बनाने का कहा है। इस निर्णय से स्थानीय लोगों में हर्ष है।
तीन दिवसीय ओंकारेश्वर में बुधवार से सभी दुकानें, बाजार, ऑटो- टेम्पो और नाव का संचालन सुचारू हो जाएगा।
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सिंहस्थ पर सरकार का बड़ा निर्णय, लैंड पुलिंग को निरस्त कर किसानों की भावना का किया सम्मान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नगरीय प्रशासन विकास विभाग और जिला प्रशासन को आदेश जारी करने के निर्देश दिये.
किसान संघ, भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी और उज्जैन के जनप्रतिनिधिगण और जिला प्रशासन उज्जैन के साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की बैठक की गई. सिंहस्थ के आयोजन को लेकर समग्र रूप से चर्चा की गई. सिंहस्थ का आयोजन दिव्य, भव्य और विश्वस्तरीय करने के लिये हर संभव प्रयास करने पर सहमति बनी. साधु संतों, किसानो के हितों का व्यापक रूप से ध्यान रखा जायेगा. चर्चा के बाद सिंहस्थ लैंड पूलिंग को निरस्त करने का निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नगरीय प्रशासन विकास विभाग और जिला प्रशासन को आदेश जारी करने के निर्देश दिये.
बैठक में बीजेपी अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा , किसान संघ की और से महेश चौधरी, कमल सिंह आंजना, अतुल माहेश्वरी, लक्ष्मी नारायण पटेल, भरत बैस, रमेश दाँगी बीजेपी संगठन की और से बीजेपी नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल, जिला महामंत्री कमलेश बैरवा, महामन्त्री जगदीश पांचाल और आनंद खींची उपस्थित रहे. किसान संघ द्वारा मुख्यमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हुये आभार व्यक्त किया गया.

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