This website uses cookies to ensure you get the best experience on our website.

ADD-n.jpg

 

 

 

सागर। मध्य प्रदेश के सागर जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें महिलाएं खेत में मर्दों के सामने कपड़े उतारते हुए दिखाई दे रही है। महिलाओं को अर्धनग्न देखकर युवक भी शर्मा गए और पीछे हटने को मजबूर हो गए।
यह पूरा मामला मोतीनगर थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, बिहारीपुरा गांव में कुछ दिन पहले जमीन के विवाद में दो परिवार के बीच झगड़ा हुआ था। इस झगड़े में दोनों पक्षों को चोटे भी आई थीं। इस मामले को लेकर खेत में मौजूद एक परिवार की महिलाओं ने कपड़े उतारने शुरू कर दिए। अर्धनग्न होकर दूसरे पक्ष को खदेड़ने की कोशिश की।
महिलाओं की इस हरकत को देखकर दूसरे पक्ष के लोग भी शर्मा गए और उन्हें पीछे हटना पड़ा। उन्होंने इस घटना का वीडियो अपने कैमरे में कैद भी कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो आपत्तिजनक है और महिलाएं गाली गलौज भी कर रही है।

--------------------------------
एमपी विधानसभा में तीसरे दिन भी विपक्ष का प्रदर्शन: ‘बंदर’ बनकर हाथ में ‘उस्तरा’ लेकर पहुंचे कांग्रेसी
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भी कांग्रेस पार्टी ने प्रदर्शन किया। गुरुवार को कांग्रेस विधायक बंदक बनकर हाथ में उस्तरा लेकर पहुंचे। विपक्षी नेताओं ने हमला बोलते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार युवाओं, किसानों और महिलाओं के हक पर डाका डाल रही है। वहीं इस अनोखे विरोध प्रदर्शन पर बीजेपी ने पलटवार किया है।
एमपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र का 4 दिसंबर, गुरुवार को तीसरा दिन रहा। विपक्ष ने तीसरे दिन भी जनता के मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक बीजेपी सरकार का बंदर बनकर पहुंचे। विपक्षी नेताओं ने कहा कि सरकार का बंदर हर वर्ग पर उस्तरा चला रहा है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि लगातार भाजपा की सरकार युवाओं, किसानों और महिलाओं के हक पर डाका डाल रही है, इसलिए हम लोगों को प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
विधानसभा में विपक्ष के हंगामे पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने पलटवार किया और कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र का मजाक उड़ाती है। न्यायपालिका का अपमान करती है। मीडिया में छपने के लिए नाटक कर रही है। उन्होंने पूछा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब उनके मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अर्जुन सिंह थे। क्या वह बंदर थे ? कांग्रेस सिर्फ मीडिया में छपने के लिए नौटंकी कर रही है।
आपको बता दें कि विपक्ष में बैठी कांग्रेस शीतकालीन सत्र के पहले दिन भी प्रदर्शन की थीं। विधानसभा में गांधी प्रतिमा के सामने ‘सीरप कांड’ को लेकर कांग्रेस विधायक सेना पटेल पूतना बनीं थीं और कहा था कि बच्चों की जान जा रही है, इसलिए पूतना बनकर प्रदर्शन करना पड़ा। वहीं सदन की कार्यवाही के दूसरे दिन किसानों के मुद्दे पर तख्तियां लेकर पहुंचे थे। जिनमें लिखा था- ‘किसानों की चिड़िया बन खेत चुग रही सरकार’, अन्य पोस्टर में लिखा था ‘किसान के नाम पर सत्ता टिकाई, अब उसी किसान को भावांतर में डुबाई’ और ‘मिट्टी में मिला सरकारी सपना, कर्ज में डूबना किसान अपना।’
--------------------------------
ससुराल पहुंचे दामाद-ससुर पर जानलेवा हमला: खंभे से बांधकर पीटा, जिंदा जलाने की कोशिश
शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में प्रेम विवाह विवाद ने ऐसा भयावह रूप ले लिया कि पूरा गांव दहशत में आ गया। पत्नी को मनाने और घर ले जाने ससुराल पहुंचे दामाद, उसके पिता और भाई जानलेवा हमला हो गया। घटना इतनी खौफनाक थी कि किसी का सिर फूटा, किसी का हाथ-पांव टूटे और किसी को बंधक बनाकर बिजली के पोल में बांधकर पीटा। इतना ही नहीं जिंदा जलाने की कोशिश भी की गई। जान बचाने के लिए दूसरे के घर में छिपना भी पड़ा। फिर डायल 112 फरिश्ता बनकर आई।
यह पूरी घटना बुढ़ार थाना क्षेत्र के नौगई गांव की है। सूत्रों के अनुसार, जैतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम शाही निवासी अनिल केवट ने नौगई की काजल केवट से प्रेम विवाह किया था। कुछ ही समय बाद काजल और उसके पति में विवाद होने लगे और काजल प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मायके चली गई। जानकारी मिलते ही अनिल अपने पिता व परिजनों के साथ उसे वापस लेने ससुराल पहुंचा। जहां दोनों पक्षों में कहासुनी इतनी बढ़ी कि मामला हिंसा में बदल गया।
काजल के मायके पक्ष के लोगों ने दामाद अनिल को बिजली के खंभे में रस्सी से बांधकर बेरहमी से पीटा। वहीं उसके पिता रामप्रसाद को दौड़ा-दौड़ाकर मारा गया, जान बचाने के लिए वे एक घर में घुसकर दरवाजा बंद कर लिए, लेकिन हमलावरों ने उन पर पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने तक का प्रयास किया। इधर अनिल का भाई दिनेश का सिर फोड़ दिया गया, जिससे वह मौके पर ही बेहोश होकर गिर पड़ा। इसी दौरान समय पर पहुंची पुलिस की डायल 112 टीम ने तीनों की जान बचाई। दामाद को खंभे से मुक्त कराया और घायल अवस्था में सभी को अस्पताल पहुंचाया, इस भीषण मारपीट में काजल के मायके पक्ष की आशा और उसके बड़े पिता का बेटा दिनेश भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
वहीं इस मामले में शहडोल एडिशनल एसपी अभिषेक दिवान का कहना है कि शाही के रहने वाले अनिल ने नौगांई की एक युवती से प्रेम विवाह किया था, लेकिन उनके बीच विवाद होने लगा। जिसके बाद अनिल की पत्नी अपने घर चली गई थी। पत्नी को लेने के लिए अनिल अपने पिता भाई और अन्य लोगों के साथ ससुराल गया था। जहां उसका ससुराल पक्ष से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद अनिल उसके पिता और भाई के साथ मारपीट की गई। जिससे उनको चोटे आई। शिकायत पर ससुराल पक्ष के लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। वहीं अनिल के ससुराल के पक्ष लोगों के साथ मारपीट किया गया। उनकी भी शिकायत पर से दोनों के विरुद्ध काउंटर मामला दर्ज किया गया है।

सागर। मध्य प्रदेश के खाद्य, आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का अजीबोगरीब बयान सामने आया है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। दरअसल, उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में जो नाम नहीं जुड़वाएगा उनको राशन और सरकारी सुविधा मिलना बंद हो जाएगी। मंत्री के इस बयान के बाद से लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं राजनीतिक गलियारों में भी सियासी हलचल तेज हो गई है।
दरअसल, एमपी के खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सागर जिले की सुरखी विधानसभा पहुंचे थे। जहां आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने ऐसा बयान दे दिया, जो इस समय सुर्खियों में है। मंत्री गोविंद राजपूत ने कहा कि ‘ अभी गांव में मतदाता सूची में नाम जुड़ने का काम चल रहा है। सभी से अनुरोध है कि वोटर लिस्ट में नाम जरूर जुड़वा लें। कोई कि मतदाता सूची में इस पर नाम अलग प्रकार से जुड़ रहा है। अगर नहीं जुड़वाओगे तो आपको राशन, आधार कार्ड और अन्य सुविधाएं मिलना बंद हो जाएंगी। 5-6 दिन का समय है। समय निकालकर अपना नाम जरूर जुड़वा लेना। हमारा भी नाम जुड़ रहा था, हमने अपना फॉर्म जमा कर दिया हैं।
मंत्री के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जो लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्यों कि एसआईआर की प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन, सटीक और पारदर्शी बनाना है। इस अभियान के तहत सभी योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल किया जाएगा और उन नामों को हटाया जाएगा जो गलत तरीके से दर्ज हैं। जबकि SIR प्रक्रिया से राशन कार्ड में नाम कटने का प्रावधान नहीं है।
वहीं उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बयान पर करारा प्रहार किया हैं। उन्होंने कहा कि नेतागिरी छोड़कर क्या चुनाव आयोग के अधिकारी हो गए हैं ? जो इस तरह के बयान दे रहे हैं। किसका नाम जुड़ेगा किसका नहीं जुड़ेगा इससे गोविंद सिंह से क्या लेना देना ? कटारे ने आगे कहा कि हम पहले दिन से कह रहे हैं कि भाजपा के लोग एसआईआर को प्रभावित कर रहे हैं। मैं चुनाव आयोग से मांग करता हूं कि अगर कोई धाराएं होती हो तो मंत्री के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
----------------------------------------
मध्य प्रदेश मौसम: 24 घंटे बाद दिखेगा नए सिस्टम का असर, 3 डिग्री तक गिर सकता है पारा
शुक्रवार को एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। खास करके शुक्रवार शनिवार को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर,उज्जैन, चंबल संभाग में कोल्ड वेव और शीतलहर का असर देखने को मिल सकता है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी के चलते आ रही ठंडी हवा के चलते भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित कई शहरों के न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस गिरावट दर्ज हो सकती है। मौसम विभाग की मानें तो दिसंबर के दूसरे हफ्ते से और जनवरी के तीसरे हफ्ते तक प्रदेश के कई शहरों में कोल्ड वेव की स्थिति बनेगी। फरवरी के पहले हफ्ते से ठंड का असर कम होने लगेगा। अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश का मौसम शुष्क रहेगा। इस दौरान कुछ क्षेत्रों में धुंध छा सकती है।
भोपाल मौसम केन्द्र के मुताबिक, वर्तमान में एक ट्रफ़, उत्तर तमिलनाडु-पुदुच्चेरी तटों और निकटवर्ती क्षेत्रों पर स्थित उपरोक्त सुस्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र से लक्षद्वीप क्षेत्र तक, उत्तर आंतरिक तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, उत्तर केरल से होकर माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी ऊँचाई तक विस्तृत है। एक पश्चिमी विक्षोभ, उपरी हवा के चक्रवातीय परिसंचरण के रूप में उत्तर पाकिस्तान और संलग्न पंजाब के ऊपर माध्य समुद्र तल से 3.1 से 4.5 किमी ऊँचाई के बीच अवस्थित है।
हालांकि, मध्य क्षोभमंडलीय स्तर में ऊपर स्थित ट्रफ़, माध्य समुद्र तल से 5.8 किमी की ऊंचाई पर 74°E देशांतर एवं 32°N अक्षांश के उत्तर में विस्तृत है। एक प्रेरित चक्रवातीय परिसंचरण, उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश और निकटवर्ती क्षेत्र में माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है। एक नया पश्चिमी विक्षोभ 05 दिसंबर से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है।
इंदौर, भोपाल, उज्जैन और जबलपुर में अधिकतम तापमान में 1.5 से 2.6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई ।
भोपाल, सागर और ग्वालियर-चंबल संभाग के न्यूनतम तापमान में 1.8 से 4 डिग्री तक की गिरावट दर्ज हुई।
पचमढ़ी प्रदेश में सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान 6.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
नर्मदापुरम में दिन का तापमान 30.7 डिग्री तक पहुंच गया।
मंगलवार-बुधवार की रात प्रदेश के कई हिस्सों में पारा 10 डिग्री से नीचे फिसल गया।भोपाल में 9.2 डिसे,इंदौर में 8.4 डिसे ,जबलपुर में 10.6 डिसे,उज्जैन में 12 डिसे और ग्वालियर में 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
---------------------------------------
देर होती तो 1 को पीट-पीटकर मार देते, दूसरे को जिंदा जला देतेः डायल 112 ने दिया जीवनदान
शहडोल। 112 लगाओ, पुलिस बुलाओ यह वाक्य शहडोल जिले के जैतपुर थाना क्षेत्र में सचमुच तीन जिंदगियों का रक्षक बन गया। ग्राम शाही में ससुराल पहुंचे दामाद और उसके परिजनों पर इतनी बर्बरता हुई कि कुछ मिनट और देर हो जाती, तो एक युवक की लाश बिजली के पोल से लटकती मिलती और उसका पिता आग के हवाले कर दिया जाता। समय पर पहुंची डायल 112 की टीम ने न केवल तीन लोगों को मौत के मुंह से निकाला, बल्कि पूरे गांव में फैली सनसनी के बीच जीवनदान देकर मानवता की मिसाल पेश की।
मिली जानकारी के अनुसार, शाही गांव का अनिल केवट पत्नी काजल को लेने मायके पहुंचा था। दोनों का प्रेम विवाह विवादों के चलते टूटने की कगार पर था। बात सुधारने के बजाय बिगड़ गई और काजल के मायके पक्ष के लोग अनिल पर टूट पड़े। हमलावरों ने दामाद अनिल को बिजली के पोल से रस्सी बांधकर बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया, उधर अनिल के पिता रामप्रसाद को गांव में दौड़ा-दौड़ाकर मारा गया।
जान बचाने के लिए वह एक घर में घुसकर अंदर से दरवाजा बंद कर छुप गए, पर हमलावरों ने दरवाजा पीटते हुए उन पर पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की तैयारी कर ली थी, इसी दौरान अनिल का भाई दिनेश भी हमले में गंभीर रूप से घायल होकर मौके पर बेहोश पड़ा था, लेकिन तभी मौके पर पहुंची डायल 112 की टीम ने स्थिति संभाली। तीनों को हमलावरों के चंगुल से छुड़ाकर सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया।
यदि डायल 112 कुछ मिनट देर कर देती, तो अनिल खंभे से बंधा अधमरा नहीं, बल्कि मृत मिलता उसके पिता राख में बदल दिए जाते, और भाई गंभीर चोटों में जान गंवा देता। डायल 112 की तत्परता ने तीन जिंदगियां बचाकर एक बार फिर साबित कर दिया खतरे में हो जान, 112 लगाओ, पुलिस बुलाओ। एसपी रामजी श्रीवास्तव का कहना है कि डायल 112 के कर्मचारियों ने अच्छा काम किया है, इसके लिए उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि 112 पर गलत सूचना न दे।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज शाम तक भारत पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें एयरपोर्ट पर लेने जाएंगे। भारत यात्रा में उनकी लिमोजिन कार ‘ऑरस सीनेट’ सुर्खियों में है। ये कार का वजन 7 टन है जो एक चलता-फिरता किला है। इसका 900 किलो का एक डोर हाथ से नहीं हाइड्रोलिक सिस्टम से खुलता है।
पुतिन की ऑरस सीनेट कार की टॉप स्पीड 250 किमी प्रति घंटा है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की कार ‘द बीस्ट’ से दोगुनी स्पीड से दौड़ने में सक्षम है। ‘द बीस्ट’ की स्पीड 112 किमी प्रति घंटा है। वहीं पुतिन की ये कार पूरी तरह से बुलेट और ब्लास्ट प्रूफ है। जिसमें हाई लेवल सुरक्षा मिलती है।
एडवांस फीचर्स से लैस कार चारों टायर फटने पर भी 80kmph की स्पीड से दौड़ सकती है। इसमें 6cm मोटा कांच पूरी तरह बुलेटप्रूफ है। इतना ही नहीं यह असॉल्ट राइफल, AK-47, ग्रेनेड हमले को झेल सकता है और इसे बेअसर करने में भी सक्षम है।
वहीं अगर कार पर वार हो या हमले जैसी स्थिति के समय केमिकल अटैक होने पर कार के अंदर ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम शुरू हो जाता है। बता दें पुतिन की ऑरस सीनेट एकमात्र ऐसी कार है जो पूरी तरह स्वदेशी है, दुनिया के किसी राष्ट्राध्यक्ष के पास स्वदेशी कार नहीं है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की ऑरस सीनेट लिमोजिन के बेस मॉडल की कीमत करीब 18 मिलियन रूबल (भारतीय मुद्रा में लगभग 2.5 करोड़ रुपये) से शुरू होती है। हालांकि, पुतिन के इस्तेमाल के लिए इसमें कई एडवांस सुरक्षा फीचर्स तैयार किए गए हैं, जिससे इसकी असल कीमत बेस मॉडल की कीमत से करीब दो गुना या उससे भी अधिक हो जाती है।
---------------------------------
गर्भवती महिला और आठ वर्षीय बेटे को वापस लाने पर केंद्र और सुप्रीम कोर्ट सहमत, मानवीय आधार पर हुआ बड़ा निर्णय
गर्भवती महिला और आठ वर्षीय बेटे को वापस लाने पर केंद्र और सुप्रीम कोर्ट सहमत
नई दिल्ली। बुधवार का दिन एक संवेदनशील और लंबे समय से उलझे मामले के समाधान की दिशा में अहम साबित हुआ, जब सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद केंद्र सरकार ने यह स्वीकार किया कि वह गर्भवती महिला सुनाली खातून और उसके आठ वर्षीय बेटे को बांग्लादेश से वापस लाएगी। यह निर्णय पूरी तरह से मानवीय आधार पर लिया गया है। महीनों पहले अचानक की गई उनकी गिरफ्तारी और निर्वासन के बाद परिवार टूट चुका था, और पिता भदू शेख अपनी बेटी और नाती की वापसी के लिए लगातार अदालतों के दरवाजे खटखटा रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि एक गर्भवती महिला और उसके छोटे बच्चे को परिवार से दूर रखना मानवीय दृष्टि से उचित नहीं है। अदालत ने केंद्र को दो टूक कहा कि इस स्थिति में सरकार को तत्काल कदम उठाने होंगे, क्योंकि बच्चे के भविष्य और महिला की सेहत दोनों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। अदालत ने यह भी कहा कि मां और बच्चे को अलग रखना किसी भी आधुनिक लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं हो सकता।
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए और उन्होंने अदालत को आश्वस्त किया कि महिला और बच्चे को औपचारिक प्रक्रियाओं के तहत भारत वापस लाया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह कदम ‘मानवीय आधार’ पर होगा और इससे सरकार की मूल दलीलों या भावी कार्रवाइयों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने साफ किया कि यह फैसला कोई स्थायी मिसाल नहीं है, और सरकार अपनी सुरक्षा नीतियों में किसी ढील का संदेश नहीं देना चाहती। मगर अदालत की स्पष्ट भावना और स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने अपना रुख नरम किया।
मामले की पृष्ठभूमि में एक दर्दनाक कहानी छिपी है। भदू शेख, जो पश्चिम बंगाल के पैकर गांव के निवासी हैं, काम की तलाश में परिवार सहित दिल्ली आए थे। उनके अनुसार, गृह मंत्रालय की ओर से मई में जारी एक अधिसूचना के बाद दिल्ली में पहचान सत्यापन अभियान चला, जिसके दौरान उनकी बेटी सुनाली, दामाद और छोटे नाती को पकड़ा गया। भदू शेख ने दावा किया कि उनकी बेटी भारतीय नागरिक है और परिवार लंबे समय से दिल्ली व पश्चिम बंगाल के रिकॉर्ड में शामिल है। लेकिन कथित तौर पर दस्तावेजों की कमी के आधार पर उन्हें गैरकानूनी प्रवासी बताकर 26 जून को बांग्लादेश भेज दिया गया।
केंद्र सरकार ने अदालत में दलील दी कि सुनाली और उसके परिवार के पास भारतीय नागरिकता का कोई प्रमाण नहीं था। लेकिन पिता ने हाई कोर्ट में अपील कर कहा कि वे स्थायी निवासी हैं और उनकी बेटी भारतीय नागरिक है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने सितंबर में सुनाली और उनके बेटे को वापस लाने का आदेश दिया था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की। इस दौरान सुनाली की गर्भावस्था, उसकी चिकित्सा ज़रूरतें और बच्चे की दुर्दशा मुख्य चिंताएं बन गईं।
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कड़ी टिप्पणी देते हुए कहा था कि मां और बच्चे को ‘गैर-मानवीय परिस्थितियों’ में छोड़ने का कोई औचित्य नहीं है। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा था कि एक गर्भवती महिला को निर्वासन के दौरान आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध न होना गंभीर चिंता का विषय है।
इस बीच, भदू शेख ने केंद्र के खिलाफ अवमानना याचिका भी दायर की थी, जिस पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि चूंकि सर्वोच्च न्यायालय अब इस मामले को देख रहा है, इसलिए केंद्र को अवमानना के बारे में चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।
अदालत ने राज्य और केंद्र दोनों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सुनाली के लौटने पर उसकी चिकित्सीय देखभाल की पूर्ण व्यवस्था हो। बिरभूम जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि महिला को गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के समय आवश्यक सभी सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएं। साथ ही, अदालत ने यह भी कहा कि आठ वर्षीय बच्चे की देखभाल और उसके लिए दिनचर्या संबंधी आवश्यकताओं की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाए।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बागची ने मौखिक तौर पर केंद्र सरकार से यह भी कहा कि भदू शेख की नागरिकता की जांच की जाए। यदि वे भारतीय नागरिक पाए जाते हैं, तो जैविक संबंध के आधार पर उनकी बेटी और नाती भी भारतीय नागरिक माने जाएंगे। यह टिप्पणी इस मामले के भविष्य को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकती है।
केंद्र ने अपनी ओर से यह भी स्पष्ट किया कि सुनाली और उसके बेटे को वापस लाने की प्रक्रिया सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में होगी और जरूरत पड़ने पर उन्हें वेरिफिकेशन प्रक्रिया के तहत रखा जा सकता है।
यह मामला केवल सुनाली और उसके बेटे का नहीं, बल्कि उन तमाम परिवारों का प्रतीक है जो अपने अस्तित्व, पहचान और सुरक्षा के सवालों से जूझ रहे हैं। मानवीय संवेदनाओं और कानूनी जटिलताओं के बीच, यह निर्णय इस बात को याद दिलाता है कि न्याय का आधार केवल कानून नहीं, बल्कि दया, सहानुभूति और मानवीयता भी है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी, जहाँ उम्मीद है कि उनकी वापसी की प्रक्रिया और नागरिकता से जुड़े बड़े प्रश्नों पर और स्पष्टता मिलेगी। फिलहाल, भदू शेख अपनी बेटी और नाती के दरवाज़े से अंदर आने का इंतज़ार कर रहे हैं—जैसा कि उन्होंने अदालत में कहा था, “बस उन्हें वापस आते देखना है, फिर बाकी ज़िन्दगी आसान लगने लगेगी।”

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर के लसुड़िया थाना पुलिस ने दो अलग-अलग चोरी के मामलों का पर्दाफाश करते हुए एक चोर दंपत्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार आरोपी अरुण पिता नन्नू भील और उसकी पत्नी नंदनी भील ने पिछले दिनों स्कीम 94, बॉम्बे हॉस्पिटल के पास स्थित एक घर में घुसकर 19 लाख नकद समेत कुल 21 लाख रुपये की चोरी कर फरार हो गए थे।
दरअसल पुलिस जांच में सामने आया कि यही दंपत्ति 22 नवंबर को आईसीआईसीआई बैंक में ताला काटकर चोरी का प्रयास करते हुए सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुए थे। हालांकि बैंक में चोरी करने में ये सफल नहीं हो पाए। जिसके बाद लसुड़िया पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोनों को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी अरुण के खिलाफ पहले से भी चोरी के तीन प्रकरण दर्ज हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी में उपयोग की गई एक चार-पहिया गाड़ी, कटर और चाकू बरामद किए हैं। पुलिस अब आरोपियों के अन्य आपराधिक नेटवर्क और संभावित साथियों की तलाश कर रही है।
-------------------------------
सेंट्रल GST इंस्पेक्टर रिश्वत लेते गिरफ्तार, लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई
सतना। मध्य प्रदेश के सतना में आज लोकायुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सेंट्रल जीएसटी इंस्पेक्टर सौरभ सिंह को 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोप है कि अधिकारी ने एक मामले में कार्रवाई न करने के बदले रिश्वत की मांग की, जिसकी शिकायत पीड़ित ने लोकायुक्त से की थी।
लोकायुक्त रीवा की टीम ने सिविल लाइन तिराहे पर स्थित इनकम टैक्स कॉलोनी में बुधवार दोपहर कार्रवाई करते हुए सेंट्रल जीएसटी के इंस्पेक्टर 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोपी कुमार सौरभ को उनके घर से पकड़ा गया। इंस्पेक्टर के खिलाफ 29 नवम्बर को वीरेंद्र कुमार ने शिकायत की थी कि ई-वे बिल के मामले में 60 हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। जिसके बाद टीम ने सत्यापन किया और 20 हजार रुपये लेते रंगे हाथ पकड़ लिया।
जानकारी के अनुसार मझगवां के व्यापारी वीरेन्द्र कुमार से कार्य सुविधा के बदले लगातार दबाव बनाकर अवैध वसूली की मांग की जा रही थी। व्यापारी की शिकायत पर लोकायुक्त ने जाल बिछाया और निर्धारित योजना के अनुसार जैसे ही कुमार सौरभ ने 20 हजार रुपये स्वीकार किए, टीम ने तुरंत उन्हें हिरासत में ले लिया। गिरफ्तारी के बाद अधिकारी को सर्किट हाउस ले जाकर आगे की पूछताछ और औपचारिकताएं पूरी की गईं।
लोकायुक्त की इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है। बताया गया कि आरोपी अपने सरकारी पद का उपयोग कर लंबे समय से लोगों पर अनैतिक दबाव बना रहा था। फिलहाल लोकायुक्त ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
---------------------------------------
डॉक्टर ने मरीज के साथ आई महिला से किया दुष्कर्म, पीड़िता पहुंची थाने, मामला दर्ज
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में दुष्कर्म का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉक्टर प्रफुल्ल भदौरिया पर शादी का झांसा देकर एक महिला से रेप करने का गंभीर आरोप लगा है। पीड़िता मंडला जिले की रहने वाली है।
जानकारी के मुताबिक मामला साल 2023 का है जब पीड़िता अपने रिश्तेदार का इलाज कराने मेडिकल कॉलेज आई थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात डॉ. प्रफुल्ल भदौरिया से हुई। डॉक्टर ने उसे प्यार का भरोसा दिलाया और शादी का वादा किया। आरोप है कि डॉक्टर ने मंदिर में पीड़िता की मांग भी भरी थी। 2023 से 2025 के बीच डॉक्टर ने शादी का झूठा वादा कर बार-बार शारीरिक संबंध बनाए। वह पीड़िता को अपने डॉक्टर्स कॉलोनी स्थित घर ले जाता था और वहां दुष्कर्म करता था।
जब पीड़िता को पता चला कि डॉक्टर पहले से शादीशुदा है और उसकी दूसरी शादी की बात चल रही है, तो उसने विरोध किया। इसके बाद डॉक्टर ने बहाना बनाया कि वह दिल्ली जा रहा है और पीड़िता से बात करना पूरी तरह बंद कर दिया। ठगे जाने और लगातार धोखे के बाद पीड़िता ने गढ़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए डॉ. प्रफुल्ल भदौरिया के खिलाफ दुष्कर्म, धोखाधड़ी और संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
डीएसपी आशीष जैन ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर तत्काल प्रभाव से केस दर्ज किया गया है। आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामला संवेदनशील होने के कारण पुलिस पूरे तथ्यों की गहन जांच कर रही है।

इंदौर में क्लॉथ मार्केट हॉस्पिटल में रहने वाली धार की रहने वाली महिला शबाना मंसूरी ने चार नवजात शिशुओं को जन्म दिया है। इस ख़बर की प्रसव टीम के मुताबिक तीन बच्चियाँ और एक बच्चा हुए हैं। चारों बचे पूरी तरह स्वस्थ बताए जा रहे हैं। प्रसव के बाद उन्हें एहतियातन PICU (नवजात गहन देखभाल इकाई) में रखा गया है क्योंकि सभी का वजन कम है , तीन का वजन लगभग 1 किलो, जबकि एक का करीब 750 ग्राम बताया गया है।
यह मामला स्वाभाविक रूप से चर्चा में इसलिए आ गया है क्योंकि भारत में चार बच्चों का एक साथ जन्म लेना काफी दुर्लभ होता है। उदाहरण के लिए, हाल ही में महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक अस्पताल में 27-28 वर्ष की एक महिला ने भी चार बच्चों को एक साथ जन्म दिया था — वहाँ मां और चारों बच्चे स्थिर स्वास्थ्य के साथ देखभाल में थे।
डॉक्टरों के अनुसार, ऐसे कई शिशुओं की एक साथ डिलीवरी में जोखिम अधिक होता है। अधिकांश बार बच्चों का वजन सामान्य से कम होता है, उन्हें नवजात गहन देखभाल की आवश्यकता होती है। लेकिन सफल प्रसव और चिकित्सकीय देखभाल ये दिखाती है कि आधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ, अनुभवी टीम और समय पर हस्तक्षेप नन्हे जीवन को बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
ऐसे दुर्लभ प्रसवों को देखते हुए अस्पताल और प्रसव टीम की तैयारी, नवजात देखभाल इकाई (NICU/PICU) की उपलब्धता और समय पर चिकित्सकीय हस्तक्षेप बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
यह घटना इस बात पर भी जोर देती है कि मातृत्व और प्रसव के दौरान परिवार और स्वास्थ्य सेवा दोनों को ही जागरूक और सजग रहना चाहिए।
यदि शबाना मंसूरी और उनके नवजातों की देखभाल सफल रहती है, तो यह गावँ/शहर में एक उम्मीद की किरण होगी — विशेषकर उन परिवारों के लिए, जहाँ नवजात देखभाल सुविधाएँ सीमित होती हैं।
----------------------------
नायब तहसीलदार ने खाद लेने आई छात्रा को जड़ दिया थप्पड़, कलेक्टर ने भेजा नोटिस
छतरपुर। खाद वितरण के दौरान खाद लेने आई एक छात्रा के साथ नाइव तहसीलदार रितु सिंगल ने थप्पड़ मार दिया। नायब तहसीलदार के द्वारा मारे गए थप्पड के बाद माहौल गर्म हो गया और किसान प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे।
कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने नायब तहसीलदार रितु सिंघई को कारण बताओं नोटिस जारी किया है और उसका जवाब आज ही मांगा गया है।
इधर मामले को लेकर नायक तहसीलदार ने मीडिया से कहा कि कुछ महिलाएं पुरुषों की लाइन में घुसकर व्यवस्था फैला रही थी। इसलिए उनको रोका गया।
विवाद को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने शासकीय सेवा अनुरूप कर्तव्य निर्वहन आचरण में लापरवाही बरतने के संबंध में नायब तहसीलदार ऋतु सिंघई नायब तहसीलदार सौरा मंडल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बुधवार को मण्डी परिसर में खाद वितरण के दौरान खाद लेने आई एक छात्रा को थप्पड़ मारने की खबर पर तत्काल संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने नोटिस जारी कर कहा है कि नायब तहसीलदार का कृत्य म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के विपरीत है। संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो करवाई की जाएगी।
----------------------------------
भोपाल में गैस पीड़ितों की रैली में RSS की यूनिफॉर्म जैसे पुतले को लेकर विवाद
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भोपाल गैस त्रासदी की 41वीं बरसी पर हर साल की तरह इस साल भी रैली निकाली गई। हालांकि बुधवार को निकाली जा रही गैस पीड़ितों की रैली में उस वक्त विवाद हो गया जब गैस पीड़ित संगठनों ने वारेन एंडरसन के पुतले के साथ RSS जैसी यूनिफॉर्म वाला एक पुतला रैली में शामिल कर लिया। बीजेपी नेता ने इसका विरोध किया तो गैस पीड़ितों से नोंकझोंक हो गई। कुछ देर के विवाद के बाद पुलिस ने विवादित पुतले को जब्त कर लिया।
बुधवार को गैस पीड़ितों की रैली की शुरूआत हुई। इस रैली में गैस पीड़ित संगठन ने एक हाथ ठेले पर दो पुतले रखे थे जिसमें एक पुतला वारेन एंडरसन का था तो दूसरा RSS जैसी यूनिफॉर्म पहने हुआ था। रैली भारत टॉकीज से जेपी नगर गैस त्रासदी स्मारक तक जाने वाली थी लेकिन RSS जैसी यूनिफॉर्म वाले पुतले की सूचना मिलते ही बीजेपी मंडल अध्यक्ष आशीष सिंह कार्यकर्ताओं के साथ पहुंच गए। उन्होंने कहा कि आरएसएस वालों का पुतला जलाओगे? हिम्मत कैसे हुई? इसके बाद बीजेपी और गैस पीड़ित संगठन के पदाधिकारियों के बीच विवाद की स्थिति बनने लगी। पुलिस एक्शन में आई और बीच बचाव कर तुरंत पुतले को जब्त कर रैली को रोक दिया।
गैस पीड़ित एक्टिविस्ट रचना ढींगरा ने इस पूरे विवाद के बताया कि गैस त्रासदी में मृत लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल रैली निकाली जाती है। इस साल भी रैली निकाली जा रही थी। जो दो पुतले थे उनमें से एक डाउ केमिकल कंपनी और यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का था, जबकि दूसरा उनके सहयोगी का पुतला है। सवाल यह है कि सहयोगी कौन है? ये वे लोग हैं, जो पिछले 11 साल से डाउ केमिकल का धंधा बढ़ा रहे हैं।

प्रमुख समाचार

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज शाम तक भारत पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें एयरपोर्ट पर लेने जाएंगे। भारत यात्रा में उनकी लिमोजिन कार ‘ऑरस सीनेट’ सुर्खियों में है। ये कार का वजन 7 टन है जो एक चलता-फिरता किला है। इसका 900 किलो का एक डोर हाथ से नहीं हाइड्रोलिक सिस्टम से खुलता है।पुतिन की ऑरस सीनेट कार की टॉप स्पीड 250 किमी प्रति घंटा है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की कार ‘द बीस्ट’ से दोगुनी स्पीड से दौड़ने में सक्षम है। ‘द बीस्ट’...

मध्य प्रदेश

सागर। मध्य प्रदेश के खाद्य, आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का अजीबोगरीब बयान सामने आया है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। दरअसल, उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में जो नाम नहीं जुड़वाएगा उनको राशन और सरकारी सुविधा मिलना बंद हो जाएगी। मंत्री के इस बयान के बाद से लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं राजनीतिक गलियारों में भी सियासी हलचल तेज हो गई है।दरअसल, एमपी के खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सागर जिले की सुरखी विधानसभा पहुंचे...

अपराध

सागर। मध्य प्रदेश के सागर जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें महिलाएं खेत में मर्दों के सामने कपड़े उतारते हुए दिखाई दे रही है। महिलाओं को अर्धनग्न देखकर युवक भी शर्मा गए और पीछे हटने को मजबूर हो गए। यह पूरा मामला मोतीनगर थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, बिहारीपुरा गांव में कुछ दिन पहले जमीन के विवाद में दो परिवार के बीच झगड़ा हुआ था। इस झगड़े में दोनों पक्षों को चोटे भी आई थीं। इस मामले को...
More inअपराध  

गुना सिटी

गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) केंद्र से लेकर वार्डों तक भाजपा की सरकार, शासन-प्रशासन और पार्षद हैं। बाबजूद इसके गुना की सड़कों की हालत बद से बदत्तर होती जा रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधि ने इन सड़कों को ठीक करने के लिए कोई भी कम नहीं उठा, यहां तक की नगरपालिका के अध्यक्ष ने लोगों की बातों को अनसुना किया। स्थानीय विधायक और सांसद ने भी सड़क के गड्ढों को देखकर लोगों को कोई राहत नहीं दी। तब वार्ड क्रमांक 12 में लोगों ने वार्ड से चंदा करके अपने वार्ड की सड़क को दुरुस्त कराया...

फोटो गैलरी

35,10,0,50,1
25,600,60,1,300,200,25,800
90,150,1,50,12,30,50,1,70,12,1,50,1,1,1,5000
0,2,1,0,2,40,15,5,2,1,0,20,0,1
गरिमा के जन्म के 15 मिनिट बाद का फोटो
गरिमा के जन्म के 15 मिनिट बाद का फोटो
गरिमा के 1 वर्ष बाद का फोटो
गरिमा के 1 वर्ष बाद का फोटो
गरिमा के 2 वर्ष बाद का फोटो
गरिमा के 2 वर्ष बाद का फोटो
बीमार होने के बाद भोपाल अस्पताल मे भर्ती गरिमा
बीमार होने के बाद भोपाल अस्पताल मे भर्ती गरिमा
हाई कोर्ट के आदेश के बाद गरिमा के शव को जमीन से निकालते हुऐ
हाई कोर्ट के आदेश के बाद गरिमा के शव को जमीन से निकालते हुऐ
निकालने के बाद गरिमा के शव को पैक कर जॉच के लिऐ भेजा गया
निकालने के बाद गरिमा के शव को पैक कर जॉच के लिऐ भेजा गया
दोषी डॉक्टर के खिलाफ मामला कायम कराने के लिऐ पुलिस अधिक्षक से मिले पत्रकार
दोषी डॉक्टर के खिलाफ मामला कायम कराने के लिऐ पुलिस अधिक्षक से मिले पत्रकार
गरिमा के शव की जॉच होने के बाद पुनः उसी स्थान पर चबूतरा का निर्माण किया गया
गरिमा के शव की जॉच होने के बाद पुनः उसी स्थान पर चबूतरा का निर्माण किया गया
पूजा स्थल मे गरिमा
पूजा स्थल मे गरिमा